शिया धर्मगुरु और UP पुलिस में विवाद! शिया धर्मगुरु बोले- दिशा निर्देशों में इस्तेमाल हुई निंदनीय भाषा

punjabkesari.in Monday, Aug 02, 2021 - 01:25 PM (IST)

लखनऊः यूपी में कोरोना संकम्रण के चलते 19 अगस्त को मुहर्रम के दौरान जुलूस और ताजिया निकालने पर इस साल रोक लगा दी गई है। जिसके बाद से शिया धर्मगुरुओं और यूपी पुलिस में विवाद पैदा हो गया है। मुहर्रम के दिशानिर्देशों को लेकर शिया धर्मगुरुओं ने नाराजगी जताई है। शिया मौलवियों का दावा है कि मुहर्रम को लेकर जारी गाइडलाइंस में उत्तर प्रदेश पुलिस ने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है।

दिशानिर्देशों को तुरंत वापस लेना चाहिए- मौलवी
मौलवियों ने मांग की कि सरकार को दिशानिर्देशों को तुरंत वापस लेना चाहिए। मौलाना कल्बे नूरी ने कहा, यह दिशानिर्देश अस्वीकार्य हैं क्योंकि यह शांतिप्रिय शियाओं को खराब छवि में दिखाते है। मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि दस्तावेज वापस लेने पर ही डीजीपी से बात हो सकेगी। उन्होंने कहा, भाषा निंदनीय है। हमने मुहर्रम समितियों से पुलिस और प्रशासन द्वारा बुलाई गई बैठकों का बहिष्कार करने को कहा है। 

'DGP को पता होना चाहिए कि मुहर्रम निश्चित रूप से 'त्योहार' नहीं'
शिया मरकजी चंद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि जिस व्यक्ति ने दस्तावेज तैयार किया था, वह जाहिर तौर पर शांति भंग करने की साजिश कर रहा है। गाइडलाइंस को लेकर मौलवी की मुख्य आपत्ति यह है कि सर्कुलर में मुहर्रम को बार-बार 'त्योहार' बताया गया है। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, डीजीपी को पता होना चाहिए कि मुहर्रम निश्चित रूप से 'त्योहार' नहीं है, बल्कि शोक का समय है। दिशानिर्देश मुस्लिम समुदाय के प्रति राज्य सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाते हैं।

दिशा-निर्देश वापस नहीं लिए तो शांति सभाओं करेंगे बहिष्कार- मौलवी
उन्होंने आगे कहा, यह दिशानिर्देश कहते हैं कि तबारा शिया समुदाय की ओर से पढ़ा जाता है। इसमें कहा गया है कि कुछ असामाजिक तत्व इसे जानवरों की पीठ पर लिखते हैं और ऐसी बातें लिखकर पतंग उड़ाते हैं जो सुन्नी समुदाय के लिए आपत्तिजनक हैं। यह शिया और सुन्नी समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए जानबूझकर की गई कोशिश है। शिया मौलवियों ने सभी उलेमाओं और संगठनों से अपील की है कि अगर दिशा-निर्देश वापस नहीं लिया जाता है तो वे जिला और शहर स्तर पर शांति सभाओं का बहिष्कार करेंगे।

हमारी मंशा किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की नहीं- डीजीपी
बता दें कि यूपी के पुलिस महानिदेशालय (डीजीपी) मुकुल गोयल ने रविवार रात जारी दिशा-निर्देशों में आदेश दिया कि राज्य में मुहर्रम के साथ-साथ कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन किया जाना चाहिए और प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए मनाया जाना चाहिए। डीजीपी ने कहा कि किसी भी तरह के हथियार के प्रदर्शन की इजाजत नहीं होगी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को असामाजिक तत्वों के खिलाफ निवारक कार्रवाई करने और फर्जी और भड़काऊ कंटेंट के लिए सोशल मीडिया पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। गोयल के बताया कि हमारी मंशा किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की नहीं है।


 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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