बिजली बकाएदार की हवालात में मौत, सोशल मीडिया पर मौत के पहले का वीडियो वायरल
punjabkesari.in Sunday, Oct 06, 2019 - 05:38 PM (IST)
बदायूं: उत्तर-प्रदेश के बदायूं जिले में तहसील के हवालात में बंद एक बकाएदार की मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। साथ ही इसमें सियासत भी शुरू हो गई है। तहसील स्टाफ ने जिस आरसी के आधार पर ब्रजपाल नाम के व्यक्ति को बिजली का बिल बकाया के आरोप में हवालात में बंद किया था, वह आरसी मृतक की ना होकर किसी अन्य व्यक्ति की थी। बता दें कि नाम एक जैसे होने के कारण ब्रजपाल को तहसील की हवालात में 11 दिन बंद रखा गया जहां तबियत बिगड़ने पर उसकी अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। वहीं परिवार के लोगों ने लापरवाह तहसील स्टाफ पर संगीन आरोपों में मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी मुताबिक सहसवान तहसील स्टाफ ने 82 हज़ार रुपये बिजली का बिल बकाया होने के कारण ज़रीफ़ नगर क्षेत्र निवासी ब्रजपाल की आरसी काट दी थी। जिसके बाद 11दिन पहले उसे तहसील की हवालात में बंद कर दिया था। जहां बीते दिन उसकी हवालात में तबीयत खराब हो गई तो उसे निकालने के लिए हवालात का ताला तोड़ना पड़ा, क्योंकि रखे गए हवालात के ताले की चाबी तहसील प्रशासन ने खो दी थी। उसकी मौत के बाद परिजनों का आरोप है कि तहसील स्टाफ ने ब्रजपाल पुत्र ओमकर के नाम से फ़र्ज़ी कृत्रिम गर्भाधान की दुकान में बिजली चोरी के 82 हज़ार आर्थिक दण्ड की आरसी काटी थी। जबकि मृतक बृजपाल के पिता का नाम ओमपाल है और उसका इस मामले से कोई लेना देना नही था। मृतक ने खुद हवालात में बंद रहते हुए यह बयान भी दिया था और उसने हवालात से वीडियो वायरल कर मदद भी मांगी थी।
नायब तहसीलदार और संग्रह अमीन पर बदसलूकी का गंभीर आरोप: मृतक बृजपाल (ज़िंदा रहने पर हवालात का वीडियो वायरल)
वायरल वीडियो में वकाऐदार अपनी मौत के पहले कह रहा है कि रंजिशन उसकी आरसी काट कर उसे बंद किया गया है। उसके पिता का नाम ओमपाल है जबकि बिजली विभाग द्वारा नोटिस बृजपाल पुत्र ओमकार के नाम जारी की गई थी। इसी नोटिस के आधार पर 81 हजार 922 रूपए का जुर्माना लगाया गया जिसमें कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र की दुकान पर चोरी से बिजली जलाना दर्शाया गया था। जबकि उसकी कोई दुकान ही नहीं है। वीडियों में उसने नायब तहसीलदार और संग्रह अमीन पर बदसलूकी का गंभीर आरोप भी लगाया है।
प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है, पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल: धर्मेन्द्र यादव (पूर्व सांसद)
वहीं इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है। बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव ने मृतक के घर जाकर परिवार को सांत्वना दी और पार्टी की तरफ से 50 हज़ार रुपये सहयोग राशि भी दी। धर्मेन्द्र यादव का कहना है कि समाजवादी पार्टी ज़िला प्रशासन को चार दिन का टाइम दे रही है अगर आरोपी तहसील स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी नहीं की गई तो इस मामले में जनपद भर में आंदोलन किया जाएगा। साथ ही प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है, पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है जिसके बावजूद मुख्यमंत्री विधानसभा में कानून व्यवस्था की बड़ाई कर रहे हैं।
ज़िला प्रशासन ने मामले में लापरवाही दिखाने वाले तहसील के संग्रह अनुसेवक समेत 2 कर्मचारी को निलंबित कर दिया है। लेकिन प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने पूरे मामले की मजिस्ट्रेटीय जाँच के आदेश दिए हैं।