BJP विधायक से व्हीलचेयर लेकर फोटो खिंचवाते ही बुजुर्ग ने किया चौंकाने वाला काम—वीडियो वायरल, सोशल मीडिया पर उठे सवाल
punjabkesari.in Monday, Dec 22, 2025 - 08:15 AM (IST)
Sultanpur News: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले की लंभुआ विधानसभा से बीजेपी विधायक सीताराम वर्मा सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो के बाद सुर्खियों में हैं। वायरल वीडियो में विधायक को एक स्वस्थ व्यक्ति को फोल्डिंग व्हीलचेयर पर बैठाकर फोटो और वीडियो बनवाते देखा जा सकता है। इसके बाद वही व्हीलचेयर उस व्यक्ति के पिता को दी गई। वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन और विधायक दोनों की जमकर आलोचना हुई।
विधायक ने दी सफाई, बताया पूरा मामला
वायरल वीडियो के बाद विधायक सीताराम वर्मा कैमरे के सामने आए और अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि जिस दिव्यांग को व्हीलचेयर दी जानी थी, वह बीमारी के कारण कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सका। इसलिए उसके पिता को व्हीलचेयर सौंपी गई। हालांकि, इस सफाई के बावजूद सवाल उठे कि अगर व्हीलचेयर पिता को ही देनी थी, तो एक स्वस्थ व्यक्ति को उस पर बैठाकर फोटो और वीडियो बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी।
लंभुआ ब्लॉक परिसर का कार्यक्रम
यह पूरा मामला लंभुआ ब्लॉक परिसर में शनिवार को आयोजित दिव्यांगजनों के उपकरण वितरण कार्यक्रम का है। बताया गया कि विधायक कार्यक्रम में देर से पहुंचे, जिसके कारण अधिकतर दिव्यांगों को पहले ही उपकरण वितरित कर दिए गए थे। अंत में विधायक की अनुपस्थिति में एक हष्ट-पुष्ट व्यक्ति को व्हीलचेयर पर बैठाकर फोटो और वीडियो बनवाए गए, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।
दिव्यांग न पहुंच सका, पिता को दी गई व्हीलचेयर
विधायक के अनुसार, बनकेपुर निवासी रामधनी का बेटा संदीप कुमार दिव्यांग हैं, लेकिन बीमारी के कारण कार्यक्रम में नहीं आ सके। इसलिए व्हीलचेयर उनके पिता रामधनी को दी गई और उसी दौरान फोटो और वीडियो बनाए गए।
जिला प्रशासन ने दी जानकारी
जिला प्रशासन ने भी मामले पर जानकारी साझा की। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी मुदित श्रीवास्तव ने कहा कि वायरल वीडियो में दिखाई गई व्हीलचेयर वास्तव में दिव्यांग संदीप के पिता को दी गई थी क्योंकि संदीप स्वयं कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके।
अब भी बना हुआ है सवाल
हालांकि विधायक और प्रशासन ने सफाई दे दी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब व्हीलचेयर पिता को ही देनी थी, तो एक स्वस्थ व्यक्ति को उस पर बैठाकर फोटो और वीडियो क्यों बनवाए गए। यदि ऐसा नहीं किया जाता, तो न प्रशासन और विधायक की किरकिरी होती और न ही विधायक को सफाई देनी पड़ती।

