Mathura: श्रीकृष्णजन्मभूमि मामले में वाद की पोषणीयता पर शुरु हुई बहस, अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को मुकर्रर
punjabkesari.in Monday, Oct 03, 2022 - 10:48 PM (IST)
मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्णजन्मभूमि बनाम शाही मस्जिद ईदगाह मुकदमा अदालत में सुनवायी के योग्य होने से जुड़ी अर्जी (वाद की पोषणीयता) पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ज्योति सिंह की अदालत में सोमवार को सुनवाई शुरु हो गयी।
बचाव पक्ष ने मुकदमे को ही खारिज करने का अनुरोध किया
अदालत ने इस मुकदमे से जुड़े एक अन्य मामले में वादी पक्ष को सुनवाई का अंतिम मौका देते हुए 21 अक्टूबर को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। वाद की पोषणीयता के मुद्दे पर बहस शुरू करते हुए बचाव पक्ष (शाही मस्जिद ईदगाह) के अधिवक्ता नीरज शर्मा ने अदालत से इस मुकदमे को ही खारिज करने का अनुरोध किया। उन्होंने दलील दी कि वादी पक्ष के अधिवक्ता या वादी पक्ष के सदस्यों में कोई मौजूद नहीं है। इस पर न्यायाधीश ज्योति सिंह ने वादकारियों को अंतिम मौका देते हुए 21 अक्टूबर की तिथि निर्धारित कर दी।
अदालत ने वादी पक्ष की बहस को जारी रखने का दिय आदेश
वादी के अधिवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि अदालत ने आज से वाद की पोषणीयता पर सुनवाई शुरू कर दी है। शर्मा ने बहस में कहा कि प्रतिवादी पक्ष की ओर से सीपीसी के नियम 7 आदेश 11 के तहत वाद की पोषणीयता का प्रश्न उठाया गया था। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता ने पूजास्थल कानून 1991 के कुछ बिन्दुओं को ही अदालत में पेश किया था। अदालत ने वादी पक्ष की बहस को जारी रखने का आदेश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 12 अक्टूबर निर्धारित कर दी।
तीसरे वाद ठाकुर केशवदेव, जय भगवान गोयल एवं अन्य बनाम शाही मस्जिद ईदगाह एवं अन्य की सुनवाई जनपद न्यायाधीश राजीव भारती की अदालत में सोमवार को शुरू हुई। इस वाद में अभी तक यह पता नहीं चल सका कि यूपी सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ को नोटिस तामील हो गया है या नहीं। इसके मद्देनजर अदालत ने नोटिस की तामील सुनिश्चित करने के लिये 28 अक्टूबर की तिथि अगली सुनवाई के लिए निर्धारित कर दी। वादी अधिवक्ता राजेन्द्र माहेश्वरी ने पूर्व में अदालत से अनुरोध किया था कि यूपी सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ को नोटिस तामील होना सुनिश्चित करने के लिए उनके स्थानीय अधिवक्ता को नोटिस तामील कराने की इजाजत दे दी जाय। जिला जज ने वादी पक्ष के इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया।
वादियों ने गत 22 जुलाई को जिला जज राजीव भारती की अदालत में पुनरीक्षण अर्जी दायर की थी। इसमें अनुरोध किया गया था कि शाही मस्जिद ईदगाह का सर्वे पहले कराया जाय, क्योंकि सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने वाद की पोषणीयता की अर्जी पर पहले चर्चा करने का आदेश दे दिया था। अदालत ने सर्वे पर कार्रवाई के लिए कोई आदेश नहीं दिया था। आज सुनवाई वाले तीनों मुकदमों में वादी पक्ष द्वारा दावा किया गया है कि कटरा केशवदेव मन्दिर की 13.37 एकड़ भूमि के एक भाग में शाही मस्जिद ईदगाह बनी हुई है। तीनों ही वादों में उसे वहां से हटाने की मांग की गई है।
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