उधार के 60 लाख वापस न करना पड़े, मकान मालिक ने PHD छात्र को उतारा मौत के घाट, शव के किए 3 टुकड़े
punjabkesari.in Wednesday, Dec 14, 2022 - 09:59 PM (IST)

गाजियाबाद: जिले में एक युवक की पैसों के लिए हत्या कर और फिर उसके शव के 3 टुकड़े करके ठिकाने लगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। युवक की हत्या अक्टूबर माह में ही कर दी गई थी। आरोप युवक के मकान मालिक पर है जिसकी पत्नी को मृतक युवक बहन कहता था।
बता दें कि गाजियाबाद के मोदीनगर थाना क्षेत्र के राधे श्याम कॉलोनी में रहने वाले अंकित खोकर की है। अंकित खोकर मूल रूप से बागपत का रहने वाला था और अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। अंकित लखनऊ से पीएचडी कर रहा था और यहां अकेला रहता था। अंकित के माता-पिता की भी मौत हो चुकी है। अंकित ने अपनी पैतृक जमीन बेची थी। जिससे उसको एक करोड़ रुपए के करीब मिले थे। अंकित जिसके मकान में रहता था उसके मालिक का नाम उमेश शर्मा है। इसी मकान में अंकित अकेला रहता था। उमेश की पत्नी को अंकित अपनी बहन मानता था। आरोप है कि उमेश ने कई किस्तों में उससे काफी पैसा ले लिया था।
पुलिस के मुताबिक अंकित से उमेश 40 लाख रुपए नगद, चेक और ऑनलाइन मिलाकर कुल 60 लाख ले चुका था। साथ ही यह राज ना खुले इसीलिए उमेश ने उसकी हत्या कर दी। ना सिर्फ हत्या कर दी बल्कि उसके शव के कई टुकड़े करके फेंक दिए। पुलिस के मुताबिक हत्या 06 अक्टूबर को गला दबाकर की थी। उसके बाद उमेश बाजार से आरी और पन्नी लेकर आया। उसके बाद उमेश ने अंकित के शरीर के तीन हिस्से कर के उन्हें पन्नी में पैक कर दिया। एक हिस्सा उसने मुजफ्फरनगर के खतौली में नहर में फेंक दिया दूसरे को मसूरी नहर में और एक हिस्से को पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर फेंक दिया। इसके बाद उमेश ने अंकित के खातों में से 20 लाख रुपए निकाल लिए। जिसके बाद उमेश ने अपने मित्र प्रवेश को अंकित का एटीएम दिया और बाकी पैसे उत्तराखंड से निकालने के लिए कहे साथ ही हिदायत दी कि जब वह पैसे निकालने जाए तो मोबाइल लेकर ना जाए। पुलिस ने उमेश और प्रवेश को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है।
दरअसल, अंकित के दोस्तों को जब अंकित से 2 महीने से संपर्क नहीं हुआ तो उन्होंने उसकी तलाश शुरू की। साथ ही पुलिस को दी गई तहरीर में उन्होंने आरोप लगाया है कि अंकित जिस तरीके से व्हाट्सएप मैसेज करता था उससे लगता था कि यह मैसेज वह नहीं बल्कि कोई और कर रहा है यानी कि हत्यारा यह चाहता था कि अंकित की हत्या का राज ना खुले।मिली जानकारी के मुताबिक अंकित के दोस्तों ने पहले भी पुलिस को अप्रोच किया था लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी। अगर पुलिस सुन लेती तो हो सकता है कि यह हत्या का मामला इतने दिनों तक राज नहीं रहता। लेकिन इस तरह के मामले अब लगातार सामने आ रहे हैं और उनमें आरोपी एक जैसा ही पैटर्न अपना रहे हैं। श्रद्धा की हत्या करके भी आरोपी ने उसके फोन से सोशल मीडिया जारी रखी थी जिससे कोई उसको ढूंढ ना सके ऐसी ही नाकाम कोशिश यहां भी उमेश शर्मा ने की थी।