हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- लखनऊ विकास प्राधिकरण के दोषी अधिकारियों को बचाने का हो रहा है प्रयास

punjabkesari.in Tuesday, Dec 13, 2022 - 09:17 PM (IST)

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने कानपुर रोड के पास देवपुर पारा में करोड़ों रुपये खर्च कर गरीबों के लिए आश्रयहीन योजना के अंतर्गत शौचालय, रसोई और स्नानघर जैसी मूलभूत सुविधाओं के बिना बनाए आवासों के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामले में दोषी अधिकारियों को बचाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।

न्यायालय की यह प्रतिक्रिया राज्य सरकार के उस जवाब के बाद आई, जिसमें सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि एलडीए ने जिन अधिकारियों के खिलाफ प्रस्तावित आरोप पत्र भेजे हैं, वे इस समय शासन में उपलब्ध नहीं हैं।न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए, सरकार को आदेश दिया है कि सरकार एलडीए के प्रस्तावित आरोप पत्र का स्टेटस बताए, साथ ही दूसरे अधिकारियों की इस मामले में संलिप्तता पर भी जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2000 में एलडीए ने देवपुर पारा में आश्रयहीन लोगों के लिए 1968 आवास बनाए थे। लेकिन इन आवासों में टॉयलेट और किचन जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं।


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Content Writer

Ajay kumar

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