GRP थाने में पुलिसकर्मियों के बीच चली गोलियां, आपस में ही भिड़ गई UP Police, दो घायल; इंस्पेक्टर परवेज अली सहित इतने पुलिसवाले सीधे सस्पेंड
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 04:47 PM (IST)

बरेली (जावेद खान) : उत्तर प्रदेश के बरेली के जीआरपी थाने में गोली चलने के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जांच में पता चला है कि थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे पिछले डेढ़ साल से खराब पड़े हैं। घटना 2 सितंबर की रात 10 बजे हुई। लेकिन इसकी जानकारी सीओ जीआरपी अनिल कुमार वर्मा को अगले दिन शाम 4 बजे दी गई। यानी पूरे 18 घंटे तक यह मामला थाने के भीतर दबा कर रखा गया।
जीआरपी थाना प्रभारी समेत चार सस्पेंड
अगले दिन जब सीओ जीआरपी अनिल कुमार वर्मा बरेली आए, तब उन्हें इस गोलीकांड की जानकारी हुई। तीन आरोपियों ने गुरुवार को घटना का खुलासा किया तो अधिकारी हरकत में आए और जीआरपी थाना प्रभारी परवेज अली खान समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
सीओ ने बताया कैसे हुई घटना
स्कॉर्ट ड्यूटी बदलने के दौरान गोली चलने की बात कही जा रही है। अधिकारी पुलिसकर्मियों की लापरवाही तो मान रहे हैं, लेकिन पार्टी की बात से इनकार कर रहे हैं। सीओ ने बताया कि 2 सितंबर की रात को दो सिपाहियों को ट्रेन स्कॉर्ट ड्यूटी के लिए पिस्टल और मैगजीन दी गई थी। चेकिंग के दौरान आरक्षी छोटू कुमार की पिस्टल की स्लाइड फंस गई। जैसे ही उसे ठीक करने की कोशिश की, अचानक गोली चल गई।
पुलिसकर्मियों की लापरवाही के चलते हुआ एक्शन
इसी दौरान आरक्षी मनोज कुमार भी पिस्टल चेक कर रहा था। उसका हैमर चढ़ा था, जिसे उतारने की कोशिश में दूसरी पिस्टल से भी फायर हो गया। गोली सीधे इंस्पेक्टर परवेज अली और पास खड़े सिपाही को लगी। यह सब थाने के भीतर हुआ और मौजूद पुलिसकर्मियों ने ही लापरवाही बरती। यही वजह है कि 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया।
थाने में हो सकता था बड़ा हादसा
थाने के भीतर उस रात 8-10 पुलिसकर्मी मौजूद थे। ट्रेन स्कॉर्ट ड्यूटी के लिए पिस्टल और मैगजीन की चेकिंग चल रही थी। इसी दौरान अचानक एक पिस्टल की स्लाइड फंस गई और फायर हो गया। अभी लोग संभल भी नहीं पाए थे कि दूसरी पिस्टल से भी गोली चल गई। गोलियां सीधे इंस्पेक्टर परवेज अली की नाक से छूती हुई निकल गई और पास खड़े एक सिपाही छोटू की नाक से छूती हुई निकल गई। दोनों लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़े। मौके पर मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। थाने के बाकी पुलिसकर्मी घबरा गए। पूरे घटनाक्रम ने पुलिस की लापरवाही को उजागर कर दिया।
अब सबकी नज़र गाजियाबाद से आने वाली जांच रिपोर्ट पर है। क्या सिर्फ चार पुलिसकर्मी सस्पेंड होकर मामला शांत हो जाएगा, या फिर इस घटना के बहाने पूरे पुलिस सिस्टम में सुधार की शुरुआत होगी।