गौरवः 6 साल के अर्जुन ने चीन में आयोजित आर्चरी वर्ल्ड कप में जीता सिल्वर मेडल

punjabkesari.in Tuesday, Dec 17, 2019 - 05:37 PM (IST)

वाराणसीः कहते हैं कि कुछ करने की चाह हो तो उम्र भी रास्ता नहीं रोकती वह ज्यादा उम्र हो या कम अपना मुकाम पा ही जाते हैं। ऐसे में वाराणसी के 6 वर्षीय नन्हे आदित्य सिंह उर्फ अर्जुन ने कमाल कर दिखाया है। मौका था 9 व 10 नवंबर को चीन के मकाउ में आयोजित, अंतरराष्ट्रीय इंडोर तीरंदाजी ग्लोबल आर्चरी एलियंस यूथ इनडोर वर्ल्ड कप का। जिसमे अर्जुन ने रजत पदक जीतकर भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है।

दोगुने उम्र के खिलाड़ियों को किया पराजित
बता दें कि कड़ी प्रतियोगिता होने पर भी नन्हे तिरंदाज ने क्वार्टर फाइनल एवं फाइनल दोनो में अपने उम्र से दोगुने उम्र के खिलाड़ियों को पराजित करते हुए रजत पदक हासिल किया। जिससे वाराणसी सहित पूरे देश को गौरवान्वित होने का मौका दिया।

अर्जुन की कमान से निकला तीर कभी चुकता नहीं
कद काठी में अर्जुन भले ही छोटे हो लेकिन इनका हौसला बड़ों-बड़ों को मात दे देता है। उन्होंने अपने बड़े लक्ष्य को पूरा कर, साबित भी कर दिया है। इनके नाम के साथ मां- बाप ने अर्जुन यूं ही नहीं लगाया है। अर्जुन की कमान से निकला तीर कभी चुकता नहीं है।

तिरंदाज बनने का फैसला बाहुबली फ़िल्म देखने के बाद लिया
अर्जुन ने बताया कि बाहुबली फ़िल्म देखने के बाद उन्होंने तीरंदाज बनने का फैसला किया। यह उनका सपना है, लक्ष्य है कि ओलम्पिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल लाए और भारत का नाम और रोशन करे।

अर्जुन की मां शशिकला कहती हैं कि अपनी जिद्द और जुनून की बदौलत अर्जुन तीरंदाज बना है। सिर्फ 3 साल की उम्र से ही तीरंदाजी सीख रहे हैं। चाहे प्रचंड ठंडी हो या गर्मी चाहे बरसात अर्जुन कभी ट्रेनिंग मिस नहीं करता।

अर्जुन के पिता डॉ अजय सिंह ने बताया कि उसने कड़ी मेहनत की है यह उसी का परिणाम है कि आज उसने देश का मान बढ़ाया है। उसकी मेहनत को देखकर लगता ही नहीं कि वह महज 6 वर्ष का एक नन्हा है।


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Ajay kumar

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