“आदिपुरुष” पर भड़के हिंदू संगठन, जलाया पोस्टर, यति नरसिंहानंद बोले- फिल्म में दिख रहा इस्लामीकरण

punjabkesari.in Thursday, Oct 06, 2022 - 11:30 AM (IST)

यूपी डेस्क: फिल्म 'आदिपुरुष' का ट्रेलर रिलीज होते ही इसका विरोध शुरू हो गया है। पंचम दशानन जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और शिवशक्ति धाम गाजियाबाद के महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने कहा है कि फिल्म पर इस्लामीकरण का प्रभाव बने, इसलिए एसी फिल्में बनाई जा रही हैं, हमें इसका विरोध करना चाहिए। एक बयान में यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि मैंने फिल्म के टीचर में सैफअली खान का रोल देखा है। इसमें रावण द्वारा माता सीता के हरण को सही सिद्ध करने जैसा दिखाया जा रहा है। यति ने कहा कि फिल्म में सैफअली खान का गेटअप सनातन विरोधी दिखाया गया है। हम रावण को अपना पूर्वज मानते हैं। वो दुष्ट थे, राक्षस थे, सीता माता का अपहरण किया था लेकिन उसकी तुलना मुसलमानों से नहीं की जा सकती। ये सीन गलत तरीके से फिल्माया गया है।

PunjabKesari

हिंदू पौराणिक कथाओं को गलत तरीके से पेश किया जा रहा- महंत सत्येंद्र दास
राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने कहा था कि किसी को भी हिंदू पौराणिक कथाओं को गलत तरीके से पेश करने और हिंदू देवी-देवताओं की छवि को विकृत करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इससे पहले मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इस फिल्म को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर चुके हैं।

PunjabKesari
किसी को भी हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा- बृजेश पाठक
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने टीजर देखने के बाद कहा है कि किसी को भी हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने यह तक कह डाला कि फिल्मों के जरिए लगातार भारतीय संस्कृति को बाधित और बदलने का प्रयास हो रहा है।

PunjabKesari
हिंदू संगठन ने जलाया आदिपुरुष फिल्म के पोस्टर
वहीं संभल में नारी उत्थान समिति एवं हिंदू जागृति महिला मंच के नेतृत्व में आदिपुरुष फिल्म के पात्र बने पोस्टर जलाकर विरोध किया। समिति की सीमा आर्य व हिंदू जागृति महिला मंच की सरिता गुप्त के नेतृत्व में टीकाराम आनंत कुमार अग्रवाल, अजय कुमार शर्मा, अरुण कुमार अग्रवाल, विष्णु कुमार, भूरे लाल, सिपाही लाल ने आदिपुरुष फिल्म के पोस्टर हाथों में लेकर लहराया और उन्हें आग के हवाले कर दिया। सीमा आर्य ने कहा कि रामायण के पात्र जिस प्रकार अबतक हम देखते, समझते. जानते चले आए हैं उससे इतर यदि उनके चेहरे मोहरे से उनके व्यवहार से कोई भी छेड़छाड़ होगी तो उसे समाज बर्दास्त नहीं करेगा। वहीं सरिता गुप्ता ने कहा कि आदिपुरुष फिल्म सरकार को रिलीज नहीं होने देना चाहिए। यह समाज का कर्तव्य है और शासन का अधिकार है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ajay kumar

Related News

static