अस्पताल मैनेजर-स्टाफ ने फोन पर डॉक्टर से पूछकर किया इलाज, 3 साल के मासूम की मौत, KGMU में नहीं मिला बेड; लखनऊ में लापरवाही से दूसरे बच्चे की गई जान

punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 02:03 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पुरनिया बंधा रोड स्थित हर्षा हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मंगलवार सुबह तीन साल के बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं था। इसके बावजूद स्टाफ ने बच्चे को भर्ती कर लिया और डॉक्टर से फोन पर पूछकर दवा देते रहे। बच्चे की मौत से गुस्साए परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उन्हें शांत करवाया।

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में नहीं मिला बेड
मिली जानकारी के अनुसार, सीतापुर स्थित मछरेहटा निवासी इंद्रप्रकाश के बेटे हर्षित उम्र तीन साल की आंतों में दिक्कत थी। घरवालों ने पहले उसे नजदीकी अस्पताल में दिखाया। वहां के डॉक्टरों ने केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। सोमवार रात घरवाले बच्चे को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे, लेकिन वहां बेड उपलब्छ नहीं था। 

अस्पताल में नहीं था कोई डॉक्टर, मैनेजर और स्टाफ ने किया इलाज 
घरवालों का कहना है कि ट्रॉमा सेंटर में एक शख्‍स ने हर्षा हॉस्पिटल में बेहतर इलाज का भरोसा दिलाकर बच्चे को वहां भर्ती करवा दिया। बच्चे के चाचा सुमित ने बताया कि पूरी रात अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं था। अस्पताल के मैनेजर और स्टाफ ने मिलकर फोन पर डॉक्टर से पूछकर बच्चे का इलाज करते रहे। जिससे बच्चे की हालत बिगड़ती गई। 

डेढ़ घंटे तक स्टाफ ने छिपाए रखी बच्चे की मौत की खबर 
घरवालों का यह आरोप है कि स्टाफ ने मौत की जानकारी डेढ़ घंटे तक छिपाए रखी। सुबह करीब छह बजे उन्हें बताया गया कि बच्चे की मौत हो चुकी है। वहीं, इस मामले में सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन से सीसीटीवी फुटेज और इलाज का रेकॉर्ड मांगा गया है। जांच में लापरवाही साबित होने पर कार्रवाई की जाएगी।


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Content Editor

Purnima Singh

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