महंत नरेंद्र गिरि की लिखावट को अच्छे से पहचानता हूं, सुसाइड नोट पूरी तरह से फर्जी: कैलाशानंद गिरी

punjabkesari.in Wednesday, Sep 22, 2021 - 02:30 PM (IST)

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले को लेकर महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने सुसाइड नोट को संदिग्ध करार देते हुए कहा कि महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या नहीं कर सकते है।  कैलाशानंद ने बताया कि सुसाइड नोट पूरी तरह से फर्जी है। मैने कई बार नोट को पढ़ा है उनकी हैंडराइटिंग अच्छे से पहचानता हूं। यह उनके द्वारा लिखी गई नोट नहीं है। सुसाइड नोट पर किया गया हस्ताक्षर नरेंद्र गिरी का नहीं है। इस मामले पीछे किसी की साजिश है। जांच होने के बाद इसका पर्दाफाश हो जाएगा।

'उनके सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच होनी चाहिए'
इतन ही नहीं उन्होंने कहा कि  सुसाइड नोट में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जो महाराज कभी इस्तेमाल नहीं करते थे। उनके सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच होनी चाहिए। मैंने कई दफा उनका सुसाइड नोट पड़ा है, जो पूरा तरह से फर्जी है। ये जांच का विषय है। 
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पेज पर नरेंद्र गिरी के अलग–अलग हस्ताक्षर किए गए-कैलाशानंद 
इससे पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिस तरह से नरेंद्र गिरी का व्यक्तित्व था वह आत्महत्या नहीं कर सकते हैं। इसके पीछे किसी का साजिश है। मैं चाहता हूं कि इस मामले का फॉरेंसिक जांच हो। वहीं सुसाइड नोट में आनंद गिरी और आध्या तिवारी का नाम सामने आने के सवाल पर कैलाशानंद गिरी ने कहा कि अभी इस मामले में कुछ नहीं कह सकते। जांच के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि हर पेज पर नरेंद्र गिरी के अलग–अलग हस्ताक्षर किए गए हैं। 

दम घुटने से हुई महंत नरेंद्र गिरि की मौत-पोस्टमार्टम रिपोर्ट 
महंत नरेंद्र गिरी की मौत को लेकर सस्पेंस बरकरार है। अभी तक पूरी तरह साफ नहीं हो पाया है कि मंहत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड किया है या फिर उनकी हत्या की गई है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत दम घुटने से बताई जा रही है। 

 

 

 

 

 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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