टिकट कटने पर छलका वरुण गांधी का दर्द, भावुक पत्र में लिखा- मां की उंगली पकड़कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया
punjabkesari.in Friday, Mar 29, 2024 - 09:40 AM (IST)
पीलीभीत: जिले से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने पीलीभीत वासियों के लिए एक पत्र लिखकर अपने ट्विटर एकाउंट पर साझा किया है। इस पत्र में उन्होंने पीलीभीत से रिश्ता कायम रखने की बात कही है। जनता से आशीर्वाद मांगते हुए यह भी कहा है कि वह उसकी आवाज उठाते रहेंगे, भले ही इसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
पत्र लिखते हुए उन्हें अनगिनत यादों ने भावुक कर दिया
वरुण गांधी ने पीलीभीत वासियों के लिए प्रणाम के साथ पत्र की शुरुआत की है। लिखा कि आज यह पत्र लिखते हुए उन्हें अनगिनत यादों ने भावुक कर दिया। मुझे वो तीन साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है, जो अपनी मां की उंगली पकड़कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था। उसे कहां पता था कि एक दिन यह धरती उसकी कर्म भूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे। वर्षों तक पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला। महज एक सांसद के तौर पर नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श सरलता और सहृदयता का बहुत बड़ा योगदान है।
पीलीभीत वासियों का प्रतिनिधि होना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान
उन्होंने लिखा कि पीलीभीत वासियों का प्रतिनिधि होना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान रहा और पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई। एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता। सांसद के रूप में नहीं तो बेटे के तौर पर सही, आजीवन सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेरे दरवाजे पीलीभीत वासियों के लिए हमेशा पहले की तरह खुले रहेंगे। मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है, जो किसी राजनीतिक गुणा-भाग से बहुत ऊपर है। मैं आपका था, हूं और रहूंगा।
इस बार भाजपा ने नहीं दिया टिकट
बता दें कि 1989 से 2019 तक हुए नौ लोकसभा चुनावों में छह बार मेनका गांधी और दो बार वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद चुने गए थे। इस बार भाजपा ने वरुण का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को टिकट दिया है।