Lok Sabha Elections 2024: अस्सी हराओ, भाजपा हटाओ'''' के नारे के साथ बीजेपी को हराने की तैयारी में इंडिया गठबंधन

punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2024 - 07:10 PM (IST)

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ ही बुधवार से उत्तर प्रदेश में विभिन्न राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है जहां भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) अधिकतम सीटें हासिल करने की जोर आजमाइश कर रहे हैं।

अस्सी हराओ, भाजपा हटाओ'' की अपील
भाजपा ने “अबकी बार, 400 पार” नारे के साथ प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। उसकी प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी अपने पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) फार्मूले पर निर्भर है और उसने जनता से ‘‘अस्सी हराओ, भाजपा हटाओ'' की अपील की है। वर्ष 2019 में दुश्मनी भुलाकर सपा-बसपा ने गठबंधन किया था और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने इनका समर्थन किया था, जबकि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ी थी।


सपा ‘इंडिया' गठबंधन का हिस्सा
इस बार राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। बसपा अकेले चुनाव लड़ रही है, कांग्रेस और सपा ‘इंडिया' गठबंधन का हिस्सा हैं, जबकि रालोद इस बार राजग का सहयोगी है। कांग्रेस 17 सीटों पर, सपा 62 सीटों पर और तृणमूल कांग्रेस एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रथम चरण से लेकर आखिरी सातवें चरण तक लीड बनाए रखी और 62 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि इसकी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने दो सीटें जीती थीं। सपा और बसपा ने क्रमशः पांच और 10 सीटों पर जीत हासिल की थी।

रायबरेली सीट ही बचा पाई थी कांग्रेस 
कांग्रेस केवल एक सीट- रायबरेली जीत सकी थी जहां से सोनिया गांधी निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 2019 में प्रथम चरण में आठ सीटों में से भाजपा ने छह सीटें जीती थीं। तब बिजनौर और सहारनपुर सीटें बसपा ने उससे छीन ली थी। रालोद प्रमुख अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी दोनों ही क्रमशः मुजफ्फरनगर और बागपत सीट हार गए थे। दूसरे चरण में भी भाजपा ने छह सीटें जीती थीं और दो सीटें सहारनपुर और अमरोहा में वह हार गई थी। ये दोनों सीटें बसपा ने जीतीं। तीसरे चरण में में पश्चिमी उप्र और रुहेलखंड से 10 सीटें शामिल थीं। तीसरे चरण में भाजपा ने छह सीटें जीतीं, जबकि सपा को मुरादाबाद, रामपुर, संभल और मैनपुरी सीट पर जीत हासिल हुई थी।

आजमगढ़ सीट पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जीत की थी दर्ज 
मैनपुरी सीट से सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव जीते थे और वर्तमान में उनकी बहू वहां से सांसद हैं। चौथे चरण में अवध और बुंदेलखंड से 13 सीटें थीं जिसमें भाजपा ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस चरण में कन्नौज की सीट शामिल थी जहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भाजपा के सुब्रत पाठक से चुनाव हार गई थीं। पांचवे चरण में भाजपा ने कुल 14 सीटों में से 13 सीटें जीती थीं। इस चरण में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा जब पार्टी की पारंपरिक सीट अमेठी से राहुल गांधी चुनाव हार गए और भाजपा की स्मृति ईरानी विजयी हुई थीं। छठे चरण में पूर्वांचल क्षेत्र में 14 सीटों पर चुनाव हुआ जिसमें भाजपा ने 9 सीटें जीतीं, चार सीटें बसपा के खाते में गईं और एक सीट आजमगढ़ पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी।

2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा ने जीती थी 15 सीटें 
सातवें और अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाराणसी सीट समेत 13 सीटों पर चुनाव हुए जिसमें मोदी रिकॉर्ड मतों से विजयी हुए। इस चरण में, भाजपा ने नौ सीटें जीती थीं, जबकि इसकी सहयोगी अपना दल (एस) ने मिर्जापुर और सोनभद्र सीट जीती। बसपा ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा का 62 सीटों पर जीत के साथ मत प्रतिशत 49.6 था, जबकि केवल पांच सीटों के साथ सपा का मत प्रतिशत 17.96 था। वहीं 10 सीटों पर जीत के साथ बसपा का मत प्रतिशत 19.26 था। कांग्रेस का मत प्रतिशत 6.31, जबकि अपना दल (एस) का मत प्रतिशत 1.01 था।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनता से भाजपा को उत्तर प्रदेश से तथा केंद्र से बेदखल करने की अपील की है तथा इसके लिए उन्होंने पीडीए को एकजुट होने को कहा है। भाजपा के स्टार प्रचारक और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘डबल इंजन' की सरकार द्वारा किए गए कार्यों को गिनाते हुए दावा करते हैं कि उत्तर प्रदेश में विकास के अलावा, कानून व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।


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Content Writer

Ramkesh

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