3 महीने जेल में रही बेकसूर फरहाना! संभल हिंसा में पत्थरबाजी के आरोप में किया था अरेस्ट, पुलिस बोली- पड़ोसियों ने फर्जी फंसाया, रुला देगी कहानी
punjabkesari.in Saturday, Mar 08, 2025 - 05:49 PM (IST)

संभल : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर, 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। संभल हिंसा में 4 लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी। वहीं कई अन्य घायल हुए थे। इतना ही नहीं इस हिंसक घटना में पुलिस-प्रशासन के 25 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी भी घायल हो गए थे। हिंसा के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने उनकी तस्वीरें चस्पा करवा दी थीं। जिसके बाद सिलसिलेवार तरीके से पुलिस ने छापेमारी कर आरोपियों की गिरफ्तारी की थी।
आरोपियों की लिस्ट में कैसे जुड़ा फरहाना का नाम
पुलिस पर पत्थर फेंकने के आरोप में फरहाना उम्र 45 साल भी जेल गई थी। 87 दिन जेल में बिताने के बाद फरहाना घर लौट आई है। पुलिस जांच में फरहाना को बेकसूर पाया गया है। फरहाना के पड़ोस में रहने वाली जेल गई एक महिला ने अपनी बहन को बचाने के लिए फरहाना का नाम भी जुड़वा दिया था।
फरहाना को कैसे मिली क्लीन चिट
फरहाना को क्लीन चिट मिलने में सबसे कारगर रहा उनका 120 किलो वजन। शारीरिक अक्षमता की वजह से फरहाना इस स्थिति में नहीं कि छत पर चढ़ कर पत्थरबाजी कर सके। पुलिस ने फरहाना के साथ जेल गईं महिलाओं के बयान दर्ज किए। साथ ही कई-कई बार CCTV की फुटेज देखने पर यह बात निकलकर आई कि फरहाना छत पर मौजूद नहीं थी।
पहले समझिए पूरा मामला
24 नवंबर, 2024 की हिंसा के बाद करीब 10 सेकेंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में एक महिला मुंह पर कपड़ा ढके पुलिस पर पत्थर फेंकती दिख रही थी। पुलिस की लंबी जांच-पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो मोहल्ला हिंदूपुरा खेड़ा का है। 26 नवंबर, 2024 को थाना नखासा पुलिस ने मोहल्ला हिंदूपुरा खेड़ा से फरहाना को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। 45 साल की फरहाना पर आरोप था कि उसने पुलिस पर पत्थर बरसाए और दंगा कराया। फरहाना पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की 8 गंभीर धाराएं लगाईं।
फरहाना के एडवोकेट ने DIG से की मुलाकात
फरहाना की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी पड़ोसी महिला जिकरा को भी पत्थरबाजी के आरोप में हिरासत में ले लिया। पुलिस को दिए अपने बयान में जिकरा ने पत्थरबाजी में फरहाना के भी शामिल होने की बात कबूली। लेकिन फरहाना के एडवोकेट जकी अनवर ने बरेली जोन के ADG रमित शर्मा और मुरादाबाद रेंज के DIG मुनीराज से मिलकर बताया कि फरहाना निर्दोष है। जिस तस्वीर के आधार पर उसकी गिरफ्तारी हुई है, वह महिला कोई और है।
DIG ने दिए री-इन्वेस्टिगेशन के आदेश
DIG के निर्देश पर इस केस की इन्वेस्टिगेशन दोबारा शुरू हुई। मामले की जांच संभल के एएसपी श्रीश चंद के हाथों में सौंपी गई। उन्होंने अपनी जांच में पाया कि पत्थर फेंकने वाली महिला फरहाना की जगह उसकी पड़ोसी जिकरा और मरियम थीं। इसके बाद 20 फरवरी, 2025 को अदालत ने फरहाना को रिहा करने का आदेश दे दिया।