शर्मनाक: जालौन में तैनात सिपाही को दारोगा ने नहीं दी छुट्टी, डिलीवरी के दौरान पत्नी और बच्ची की मौत
punjabkesari.in Sunday, Apr 21, 2024 - 03:10 PM (IST)
जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में पुलिस विभाग को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। दरअसल, यहां पर एक सिपाही को थानाध्यक्ष ने छुट्टी नहीं दिया था, जिसकी वजह से अपनी पत्नी का इलाज समय पर नहीं करा सका। परिणाम यह रहा कि गर्भवती पत्नि के साथ नवजात बच्चे की मौत हो गई।
आपको बता दें कि यह पूरा मामला जिले के रामपुरा थाना क्षेत्र का है। यहां पर एक सिपाही विकास निर्मल दिवाकर इसी साल यहां आया है। विकास मूलरूप से मैनपुरी का रहने वाला है। उसकी पत्नी ज्योति गांव में परिवार के साथ रहती है। विकास की पत्नी गर्भवती थी और उसका नौवां महीना चल रहा था। पिछले नौ महीने से विकास लगातार अपनी पत्नी के देखरेख के लिए छुट्टी लेकर घर जाया करता था। वह पत्नी का इलाज आगरा में करवा रहा था। डिलीवरी के लिए भी उसे पत्नी को आगरा में ही भर्ती करवाना था।
थानाध्यक्ष को एप्लीकेशन दी कि उसे घर जाना है
मिली जानकारी अनुसार, सिपाही पिछले माह अपनी पत्नी की चेकअप आदि करवाकर वह ड्यूटी पर आ गया था। इस बीच शुक्रवार को पत्नी को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। विकास ने तत्काल अपने थानाध्यक्ष को एप्लीकेशन दी कि उसे पत्नी की देखभाल के लिए घर जाना है। लेकिन थानाध्यक्ष ने यह कहते हुए एप्लीकेशन अस्वीकार कर दी कि तुम बहुत छुटि्टयां ले चुके हो। इस बात विकास बहुत निराश हुआ। उसने घर वालों से कहा कि तत्काल पत्नी को लेकर अस्पताल जाइए। मैनपुरी में उसके घर वाले पत्नी को लेकर कुरावली सीएचसी लेकर पहुंचे।
सिपाही की पत्नी की पहली डिलवरी थी
जहां डॉक्टर्स ने उसका ट्रीटमेंट शुरू किया। थोड़ी देर बार पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया। लेकिन दोनों की तबियत ठीक नहीं थी। यहां से दोनों को मैनपुरी जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। कुछ घंटे यहां पर इलाज किया गया लेकिन हालत ठीक नहीं हो रही थी। इसलिए दोनों जच्चा-बच्चा को आगरा रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस से जब वह आगरा के लिए निकले तो रास्ते में ही दोनों ने दम तोड़ दिया। विकास की पत्नी की यह पहली डिलीवरी थी।
तीन साल पहले उसकी शादी हुई थी
गौरतल है कि सिपाही की वर्ष 2018 में विकास की नौकरी लगी थी। 3 साल पहले उसकी शादी हुई थी। नौकरी, शादी और अब बच्चे की तैयारी। घर बहुत ही खुशियों का माहौल था। परिवार वालों के मुताबिक विकास अपनी पत्नी की बहुत केयर करता था। लगातार उसकी देखरेख और हमेशा अच्छे डॉक्टर को दिखाकर उसका इलाज करवा रहा था। उस दिन भी अगर उसको छुट्टी मिल जाती तो तत्काल उसे लेकर आगरा चला। यदि ऐसा होता तो उसकी जान बच सकती थी। पुलिस महकमे की एक लापरवाही से मां-बच्ची दोनों की जान चली गई।