यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत बनीं खटारा बसें, 300 से अधिक रोजाना हो रही खराब

punjabkesari.in Thursday, Nov 03, 2022 - 08:32 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश में चलने वाली रोडवेज की 300 से अधिक बसें आये दिन बीच रास्ते खराब होकर खड़ी हो जा रही है। किसी बस का टायर, बैटरी तो किसी का गियर बाक्स की खराबी यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई हैं। राज्य सड़क परिवहन निगम रोडवेज के कार्यशालाओं में बसों का मेंटीनेंस नहीं होना इसकी बड़ी वजह है। मंत्री के निर्देश के बाद नये नियम न लागू होने के बाद भी अधिकारियों की मनमानी रवैया व शिथिल कार्यप्रणाली प्रदेश के एक सौ दस डिपो से चलने वाली रोडवेज यात्रियों के लिए भारी पड़ रहा है।

रोडवेज को बेहतर करने में जुटे हैं मंत्री
आवागमन कराने को लेकर प्रदेश सरकार तत्पर है। रोडवेज बसों का बेहतर संचालन और यात्रियों को नों हाईटेक सुविधाएं देने के लिए पूरा जोर है। राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह रोडवेज को बेहतर करने के लिए लक्ष्य में जुटे हुये हैं। मंत्री आये दिन बैठकर रोडवेज की कमियां दूर करने के निर्देश देते रहते हैं फिर भी रोडवेज अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली व मनमानी रवैया परिवहन यात्रियों को सफर के दौरान भारी पड़ रही है।

मंत्री के निर्देश का पालन जमीनी वास्तविकता से कोसो दूर दिख रहा है। राज्य सड़क परिवहन निगम की ओर से प्रदेश भर में रोजाना 12100 बसों का संचालन किया जा रहा है। ये बसे प्रदेश के 110 डिपों से संचालित हो होती है। मगर इन बसों की कार्यशाला में मरम्मत व फिटनेस नहीं होने से यात्रा के दौरान रोजाना तीन सौ से अधिक बसें तकनीकी रुप से खराब हो रही है।

पूरा किराया देने के बाद गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं यात्री
यात्री पूरा किराया देने के बाद अपने गंतव्य जिन को नहीं पहुंच पा रहे हैं। बसों में की गड़बड़ी आने से यात्री रोजाना बीच रास्ते में उतरने को मजबूर रहते रहते हैं। सरकार तो बेहतर परिवहन सुविधाएं मुहैय्या कराने का दावा करती है लेकिन रोडवेज के उच्चधिकारी से लेकर कार्यशालाओं में तैनात अधिकारी कर्मचारियों की उदासीन रवैया यात्रियों के लिए परेशानी का सवब बन गई है।

परिवहन राज्यमंत्री का नया नियम हवा हवाई
बता दें कि अभी हाल में प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह रोडवेज में नया नियम लागू किया था कि बसों का किसी भी हाल जांच कराने के बाद ही यात्रा के लिए रवाना किया जाए लेकिन इसका कहीं पालन नहीं हो रहा है।

 

 

 

 


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Content Writer

Ajay kumar

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