यमुना में डूब रहे 3 बच्‍चों की बचाई जान पर खुद नहीं निकल पाई: याद रखी जाएगी 11 साल की ''लक्ष्‍मी'' की कहानी, दिल जीत रही बहादुरी, मिलेगा बाल वीरता पुरस्कार!

punjabkesari.in Monday, Aug 04, 2025 - 12:45 PM (IST)

कानपुर देहात: यूपी के कानपुर देहात से कक्षा 6 की स्‍टूडेंट लक्ष्‍मी की बहादुरी की ऐसी  कहानी सामने आई है। जिसे सुनकर हर किसी की आंखें नम हो रही हैं। जिस उमर में बच्‍चे शैतानियां करने से बाज नहीं आते, उस उमर में लक्ष्‍मी ने ऐसा काम कर दिया कि हर तरफ उसकी जय-जयकार हो रही है।  

पानी में डूबते तीन बच्चों की बचाई जान, खुद डूब गई
उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली लक्ष्‍मी ने यमुना नदी में जब तीन बच्‍चों को डूबते देखा तो बिना कुछ सोचे समझे तुरंत उफनते पानी में कूद गई। लक्ष्मी ने एक-एक कर तीनों बच्चों को तो बचा लिया लेकिन खुद पानी में डूब गई। यह घटना राजपुर थाना क्षेत्र के खरतला गांव की है। घटना के दौरान लक्ष्मी अपने गांव के पास स्थित बीहड़ पट्टी में बकरी चरा रही थी। तभी उसने वहां पानी में तीन बच्चों को खेलते हुए देखा। खेलते-खेलते तीनों बच्चे पानी में डूबने लगे। बचाओ-बचाओ का शोर सुनकर बकरी चरा रही लक्ष्मी उन्हें बचाने दौड़ गई। उसने सभी बच्‍चों को सुरक्षित बाहर भेज दिया पर खुद डूब गई।

छह बहनों में सबसे छोटी थी लक्ष्‍मी
डरे सहमे बच्चे दौड़ कर घर पहुंचे और परिजनों को पूरा घटनाक्रम बताया। घरवाले दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे तो लक्ष्मी का शव पानी में तैरता हुआ मिला। वह अपनी छह बहनों में सबसे छोटी थी। उसकी बहनों (सीमा, गायत्री, सावित्री, पुष्पा, अंजना और संजना) का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरे परिवार में मातम पसरा हुआ है। 

बाल वीरता पुरस्कार दिलाने की संस्‍तुति
विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने लक्ष्मी की बहादुरी के लिए शासन से बाल वीरता पुरस्कार (मरणोपरांत) की संस्तुति की है। लक्ष्मी को याद करते हुए विद्यालय में शोक सभा भी रखी गई। प्रधानाध्यापक ने कहा कि लक्ष्मी की बहादुरी हम लोग उच्च स्तर तक पहुंचाएंगे और बीएसए के माध्यम से शासन को पत्र लिखा जाएगा। बीईओ ईश्वर कांत मिश्रा ने बताया कि पत्र लिखकर शासन को भेजा जा रहा है।


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Content Editor

Purnima Singh

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