बंदी माता के दर पर लगाइए ताला, बड़े से बड़े मुकदमों से मिलेगा छुटकारा

punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2019 - 12:09 PM (IST)

 

 वाराणसी:अगर आप या आपके परिजन  किसी मुकदमे से परेशान हैं या फिर जेल में बंद हैं  तो बंदी माता आपकी समस्या का समाधान करेगी। जी हां बंदी माता का मंदिर वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर स्थित है जहां ताला चढ़ाया जाता है। आपको बता दें कि वाराणसी के काशी खंड में स्थित प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। बंदी माता जिन्हें पाताल की देवी भी कहा जाता है। कहा जाता है कि ये माता सीता का ही रूप है। बंदी माता के मंदिर में भक्त ताला चढ़ाने आते   मान्यता है कि यहां ताला चढ़ाने से सभी प्रकार के बंधनों से मुक्ति मिलती है और सभी कष्टों से छुटकारा। जो भक्त प्रेत बाधा, कष्टदायक रोगों , पारिवारिक कलह, मुकदमा, जेल में  बंद होने की स्थिति में भक्त या उनके परिजन माता से मनोकामना की सिद्धि मांगते हैं और यहां पर एक ताला बंद करते हैं। जब मनोकामना पूरी हो जाती है तो भक्त ये ताला खोल देते हैं। मान्यता यह भी है कि मां का 41 दिन दर्शन करने से भी मनोकामना की सिद्धि होती है। बंदी माता को कारागार की देवी भी कहा जाता है क्योंकि कारागार में बंद लोगों को भी माता बंधन मुक्त करती  है।

मान्यता है कि भगवान विष्णु के आदेश पर माता यहां आई थी और कहा जाता है कि स्वयंभू मां के मंदिर की स्थापना भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र अनिरुद्ध ने कराया था। वैसे तो माता को लाल पुष्प, नारियल, मीठा चढ़ाया जाता है लेकिन लोग ताले का प्रसाद भी चढ़ाते हैं। मान्यता है कि इस ताले को माता खोलती हैं और भक्त सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है।
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यहां देश के कोने कोने से पीड़ित अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और प्रसाद के तौर पर ताला चढ़ाकर जाते हैं। एक ताला चढ़ाइए और मां से जो चाहे मांग लीजिए मां कभी निराश नहीं करेंगी। मां भक्तों के लिए खोल देती हैं अपना खजाना। मात्र 41 दिनों के भीतर सभी प्रकार के बंधनों से करती हैं मुक्त।


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Ajay kumar

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