हवस ने किया मासूमियत का कत्ल; 12 साल की बच्ची...गर्भ में 12 हफ्ते का शिशु, कई दर्द झेल रही दुष्कर्म पीड़िता
punjabkesari.in Sunday, Aug 04, 2024 - 03:00 PM (IST)
Ayodhya Gangrape Case: अयोध्या में हैवानियत का शिकार हुई 12 साल की बच्ची कई दर्द का सामना कर रही है। उसके पेट में 12 हफ्ते का भ्रूण पल रहा है। इस बात पर सहमति की जा रही है कि उसका प्रसव होगा या गर्भपात। प्रसव और गर्भपात दोनों स्थितियों में ही बच्ची को दर्द सहना पड़ेगा। दोनों स्थितियों में ही उसकी जान को खतरा है। अभी तो बच्ची सिर्फ दुष्कर्म का दर्द झेल रही है, इसके बाद उसे उस दर्द का सामना कर अग्नि परीक्षा देनी होगी। आरोपियों ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाकर उसकी मासूमियत का कत्ल कर दिया है।
दोनों स्थितियों में बच्ची की जान को खतरा
12 साल की बच्ची प्रसव या गर्भपात कराने की स्थिति में नहीं है। दोनों ही स्थितियों में उसकी जान को खतरा है। डॉक्टरों का कहना है कि अभी बच्ची की उम्र प्रसव योग्य नहीं है। 24 हफ्ते तक गर्भपात हो सकता है। सामान्य प्रसव के जरिए भ्रूण निकालने की कोशिश की जाएगी। लेकिन दोनों परिस्थितियों में बाल कल्याण समिति और परिजनों की सहमति जरूरी है। यह बहुत ही जोखिमपूर्ण है। प्रसव या गर्भपात बाल कल्याण समिति व परिजनों की सहमति से ही किया जाएगा। टीन एज की प्रेग्नेंसी ही घातक होती है। इस बच्ची की उम्र तो 12 साल ही है। अभी उसके शरीर में तमाम बदलाव हो रहे होंगे। इस उम्र में गर्भ भी ठहरना ठीक नहीं होता। हालांकि प्रेगनेंसी कंटिन्यू करना और भी घातक हो सकता है। लेकिन गर्भपात के दौरान भी जोखिम कम नहीं है। गर्भाशय में छेद होने, अधिक रक्तस्राव होने के साथ असहनीय दर्द भी होगा। ऐसा दर्द बच्ची के लिए सहन करना मुश्किल है।
मामले में बढ़ रही सियायत
बता दें कि अयोध्या में नाबालिग बालिका से गैंग रेप के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर भदरसा टाउन एरिया में इस घटना को अंजाम दिया गया। जहां थानाध्यक्ष एवं चौकी इंचार्ज के निलम्बन के बाद अब सपा नेता की बेकरी पर बुलडोजर चला करके ध्वस्त किया गया है। आरोपी पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप भी लगा है। वहीं, इस मामले में सियासत बढ़ती ही जा रही है। आज रेप पीड़ित के परिवार से मिलने के लिए बीजेपी प्रतिनिधिमंडल उसके घर पर पहुंची है। यह प्रतिनिधि मंडल पूरे मामले की रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंपेगा। प्रतिनिधि मंडल मे सांसद बाबूराम निषाद, सरकार में मंत्री नरेंद्र कश्यप शामिल है। उधर, समाजवादी पार्टी के महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने आरोपी और पीड़िता दोनों का नार्को टेस्ट कराने की मांग की है। इससे पहले अखिलेश यादव ने डीएनए कराने की मांग की थी।