किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से ममता कुलकर्णी ने दिया इस्तीफा, कहा- ''साध्वी थी और रहूंगी''

punjabkesari.in Monday, Feb 10, 2025 - 04:51 PM (IST)

UP Desk: अखिल भारतीय किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी ने हाल ही में किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया। ममता कुलकर्णी ने यह घोषणा सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए की। उन्होंने कहा कि किन्नर अखाड़े और दोनों अखाड़ों में उनके इस्तीफे को लेकर विवाद हो रहा था, जिस कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। ममता कुलकर्णी ने वीडियो में कहा, "मैं 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी साध्वी ही रहूंगी। महामंडलेश्वर का जो सम्मान मुझे दिया गया था, वह कुछ लोगों के लिए आपत्तिजनक हो गया है। मैंने बॉलीवुड को छोड़े हुए 25 साल हो चुके हैं। मेकअप और बॉलीवुड को छोड़ना आसान नहीं था, लेकिन मैंने वह किया।"

मिली जानकारी के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा, "मुझे जो सम्मान महामंडलेश्वर के रूप में मिला, वह लोगों के लिए असहज हो गया था। मुझे यह देखकर दुख हुआ कि मेरे महामंडलेश्वर बनने से कई लोगों को परेशानी हुई। मेरे गुरु जिनके सानिध्य में मैंने तपस्या की, उनके बराबर कोई नहीं है। मुझे कैलाश या मनसरोवर जाने की कोई जरूरत नहीं है। जिन लोगों को मुझसे आपत्ति है, उनके बारे में ज्यादा बोलना नहीं चाहती। बस इतना कहना चाहती हूं कि मेरे पैसे से संबंधित कोई लेन-देन की बात नहीं है। मैंने करोड़ों रुपये नहीं दिए हैं।"

ममता ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा – "मैं जो भी करती हूं, उस पर प्रतिक्रिया मिलती है"
ममता कुलकर्णी ने आगे कहा कि महामंडलेश्वर के रूप में उन्हें जो सम्मान मिला था, वह 25 साल तक तैराकी सीखने और फिर बच्चों को सिखाने जैसा था। लेकिन जब उन्हें महामंडलेश्वर बनाया गया, तो इसके बाद जो विवाद हुआ वह अनावश्यक था। उन्होंने बताया कि उन्होंने 25 साल पहले बॉलीवुड छोड़ दिया था और उसके बाद वह हर चीज से दूर हो गईं। उन्होंने कहा, "मैं जो भी करती हूं, उस पर लोगों की अधिक प्रतिक्रिया होती है।"

किन्नर अखाड़े के संस्थापक ने किया निष्कासित
हालांकि, ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था। यह कार्रवाई किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास द्वारा की गई थी। उनके साथ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अजय दास को उन्हें अखाड़े से निकालने का कोई अधिकार नहीं था, क्योंकि उन्हें 2017 में ही अखाड़े से निकाल दिया गया था। यह पूरा विवाद सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है, और ममता कुलकर्णी के इस्तीफे के बाद किन्नर अखाड़े में स्थिति और अधिक जटिल हो गई है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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