औरंगाबाद की घटना पर भड़की मायावती, बोलीं- आर्थिक मंदी, पांव में छाले...मजदूर जाएं तो कहां जाएं

punjabkesari.in Friday, May 08, 2020 - 01:37 PM (IST)

लखनऊः प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिक व्यथित हैं। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जिस तरह से उनका व्यवहार किया जा रहा है, वह बहुत गलत है। उनके लिए उचित भोजन और आवास की भी व्यवस्था नहीं की जा रही है।

मायावती ने औरंगाबाद की घटना पर जताया शोक
मायावती ने औरंगाबाद में मजदूरों के ट्रेन से कुचल जाने पर भी गहरा दुख व्यक्त किया। मायावती ने कहा, ‘‘इस बीमारी के दौरान जो सबसे ज्यादा दुखी नजर आ रहे हैं, वे गरीब मजदूर हैं। वे अपनी रोजी रोटी के लिये अपने घर छोड़कर दूसरे प्रदेशों में गये हुये थे। प्रवासी मजदूर बहुत ज्यादा दुखी नजर आ रहे हैं और उनके साथ केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार जो बर्ताव कर रही है वह बहुत गलत है। 

'मृतकों के परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए' 
उन्होंने कहा, ''आज महाराष्ट्र के पास कई प्रवासी मजदूर हादसे में मारे गये। यह केंद्र और राज्य सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता का नतीजा है। सरकारों को इन मजदूरों के परिजनों को आर्थिक मदद देनी चाहिए और उनके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए ।'' 

'अमीरों के लिए जहाज और गरीब पैदल' 
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कोचिंग में पढ़ने वाले अमीरों के छात्रों के लिये विशेष बसें और विदेशों में फंसे अमीर लोगों के लिये विशेष विमान भेजे जा रहे हैं, दूसरी तरफ गरीब मजदूर पैदल ही अपने घर वापस आ रहे हैं। केंद्र सरकार अमीरों पर मेहरबान है। सरकार ने इन लोगों के भोजन की भी उचित व्यवस्था नहीं की है, जिसकी वजह से ये भूख से तड़प रहे हैं।

मजदूरों के पैरों पर पड़े छाले-मायावती
उन्होंने कहा, ''प्रवासी मजदूरों को रेल और बस से उनके घर पहुंचाना चाहिए। एक तरफ तो सरकार भूखे और लाचार लाखों प्रवासी मजदूरों से घोर अमानवीय व्यवहार करते हुये उनसे किराया भाड़ा वसूल कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ अमीरों के लिये दयावान बनी हुई है। '' वह आखिर जाएं तो कहां जाए। उनकी हालत दयनीय है। उनके साथ अमानवीय और सौतेला व्यावाहर हो रहा है। उनके पैरों पर छाले पड़ गए हैं। आर्थिक हालत खराब है। 
 


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Tamanna Bhardwaj

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