अखाड़ा परिषद के नए नवेले अध्यक्ष बोले- सनातन धर्म को बचाने के लिए योगी सरकार को दोबारा लाना जरूरी

punjabkesari.in Monday, Oct 25, 2021 - 05:53 PM (IST)

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी (Mahant Ravindra Puri) ने सोमवार को कहा कि अखाड़ा परिषद के समक्ष सबसे बड़ी चिंता सनातन धर्म को लेकर है और उनका सबसे बड़ा मिशन उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (Yogi Sarkar) को दोबारा लाना है। इसके लिए साधु संत अपने भक्तों के बीच योगी सरकार को दोबारा लाने का आह्वान करेंगे। दारांगज के मोरी गेट स्थित निरंजनी अखाड़ा के मुख्यालय में आयोजित अखाड़ा परिषद की बैठक में अध्यक्ष चुने जाने के बाद निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने संवाददाताओं से कहा कि यदि सनातन धर्म को बचाना है तो योगी (सरकार) को दोबारा लाना है।
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महंत रवींद्र पुरी ने उत्तर प्रदेश में दूसरी पार्टी के सत्ता में आने पर राम मंदिर का निर्माण रुकने की आशंका व्यक्त करते हुए कहा, “यदि हम भाजपा को सत्ता में लेकर नहीं आएंगे तो राम मंदिर का काम समाप्त हो जाएगा। राम मंदिर का निर्माण तभी होगा, जब भाजपा आएगी।” अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा, “जबसे मोदी जी आए हैं, राम मंदिर का मुद्दा सुलझा है और राम मंदिर बन रहा है। कांग्रेस मुक्त भारत के मोदी के सपने को पूरा करने में संत समाज उनके साथ है।”

उन्होंने बताया कि अखाड़ा परिषद की बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के मंत्री श्रीमहंत महेश पुरी ने प्रस्ताव रखा कि श्री बद्रीनाथ धाम का नाम बदलने का षड़यंत्र देवबंद द्वारा किया जा रहा है जिसकी अखाड़ा परिषद घोर निंदा और विरोध करती है और उनकी दावेदारी खारिज करती है। बैठक में बड़ा उदासीन अखाड़ा के महंत शुखदेव मुनी ने अखाड़ा परिषद से मांग की कि विभिन्न अखाड़ों के साधु संतों के लापता होने और कई साधु संतों की हत्या की सीबीआई से जांच कराने की सरकार से मांग की जाए।


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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