स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतरे लोग, सपा कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए ज्ञापन जिलाधिकारी को भेजा

punjabkesari.in Sunday, Feb 05, 2023 - 05:58 PM (IST)

कुशीनगर (अनूप कुमार) : स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद उपजे विवाद को लेकर  जिले में कई संगठनों के लोगों ने आज सपा नेता के समर्थन में प्रदर्शन किया। जिसमे कई संगठनों के साथ सपा कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए एक ज्ञापन जिलाधिकारी को भेजा। जिसमे रामचरितमानस के कुछ चौपाई को हटाने की मांग की गई। वही इन लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्या की मांग को जायज बताते हुए उनकी हत्या और उनसे हिंसा से जुड़े बयान देने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की हैं। संयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने पडरौना-कठकुइया मोड़ से जुलूस निकालाते हुए आंबेडकर प्रतिमा के समक्ष जमकर नारेबाजी की और मौके पर पहुंचे पडरौना के नायाब तहसीलदार विशाल दत्त त्रिपाठी को DM के हवाले से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की।

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रामचरितमानस के विवादित चौपाई का अंश को हटाया जाए
पडरौना नगर के कटकुइयां मोड़ स्थित डा.भीमराव अम्बेडर पार्क में कई संगठनों के लोगों ने इकट्ठा होकर  स्वामी प्रसाद मौर्या का समर्थन किया। राष्ट्रीय कुशवाहा, शाक्य, सैनी, मौर्य महासभा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इसका नेतृत्व किया। जिसमें उपस्थित लोगों ने डा. भीमराव अम्बेडकर के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। स्वामी प्रसाद मौर्या के पूर्व पीआरओ आरके मौर्य की अगुवाई में सैकड़ों की संख्या में जुटे लोगों ने सपा नेता का समर्थन करने के साथ ही प्रदर्शन व नारेबाजी किया। रामचरित मानस पर छिड़े विवाद में लोगो ने स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन करते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। जिसमे मांग की गई कि रामचरितमानस के विवादित चौपाई का अंश को हटाया जाए साथ ही स्वामी प्रसाद को धमकाने वालो पर शख्त कार्रवाई हो।

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रामचरितमानस और मनुस्मृति में 6 हजार जातियों का अपमान
राम आधार कुशवाहा ने बताया कि रामचरितमानस और मनुस्मृति में लगभग 6 हजार जातियों और महिलाओं के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है। जो समाज को एक गलत संदेश दे रहा है। जिस पर हमारे नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आवाज उठाई है। ताकि उन अपमानित करने वाले चौपाई का विलोपन कर दिया जाए। लेकिन कुछ मठाधीशों को यह बात बुरी लग रही और संविधान को दरकिनार करते हुए हमारे नेता को वह जज बनकर सजा सुना रहे हैं। ऐसे में अपराध को बढ़ावा देने वालो के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।


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Content Editor

Prashant Tiwari

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