पब्लिक प्लेस पर आम शहरी की फोटो लगाना बेसिक ह्यूमन राइट्स वायलेशन: खालिद रशीद

punjabkesari.in Saturday, Mar 07, 2020 - 12:53 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिसंबर 2019 में हिंसा करने वाले लोगों की जिला प्रशासन द्वारा शहर भर में लगाई गई होर्डिंग्स पर मौलानाओं में गुस्सा फुट पड़ा है। वहीं शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने होर्डिंग में अपनी फोटो को देख कर कहा की हमारे पास कोई इत्तेला नहीं आयी और शहर में होर्डिंग्स लगा दिए गए। मेरा होर्डिंग में फोटो है। मौलाना सैफ अब्बास ने अपना पक्ष रखते हुए कहा की उस दिन वह बड़े इमामबाड़े के पास में मौजूद थे वहां कोई झगड़ा नहीं हुआ।
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उन्होंने कहा कि हमको दिखाया जाय कहां पर मैं हिंसा कर रहा था। कैसे काम हो रहा है और किसके दबाव में हो रहा है राजनीति हो रही रही है, आवाज़ को दबाया जा रहा है। मौलाना सैफ अब्बास ने आगे कहा कि हमे अपने मुल्क के क़ानून में यक़ीन है जीत हमारी होगी। हमे कोई खौफ़ नहीं, हम क़ानून के साथ चलेंगे। मौलाना सैफ अब्बास ने अवाम से भी अपील की है कि वह क़ानून और संविधान में यक़ीन रखे।
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वहीं ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा की जो लखनऊ में हुआ वह बहुत ही ख़राब, उसकी सबने निंदा की और एफआईआर भी हुई मामला कोर्ट में है। बहुत लोगों को स्टे भी मिला है लेकिन जिस तरह से बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगाई गई है जिसमे कई नामचीन लोग भी है। ऐसा लग रहा है जैसे यह सब क्रिमिनल है।
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पब्लिक प्लेस पर आम शहरी की फोटो लगाना बेसिक ह्यूमन राइट्स वायलेशन है हुकूमत और जिम्मेदारों को चाहिए कि ऐसे फ़ोटो को पब्लिक प्लेस से फौरन हटाया जाना चाहिए यह आम शहरी है कोई क्रिमनल नहीं। इससे बहुत गलत मैसेज पब्लिक में जा रहा है। अदालत जो फैसला करे उसपे अमल होना चाहिये।


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Ajay kumar

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