बाराबंकी में 3 तलाक पीड़ित महिलाओं का सहारा बने PM नरेंद्र मोदी, सरकारी योजनाओं ने संवारा जीवन
punjabkesari.in Wednesday, Aug 02, 2023 - 11:33 AM (IST)

(अर्जुन सिंह)Barabanki News: मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक किसी बुरे सपने से कम नहीं है। खासकर उन महिलाओं के लिए समस्या और भी बढ़ जाती है जिन्हें मायके से भी ज्यादा सहारा नहीं मिल पाता। ऐसे में इन पीड़ित महिलाओं को अपने से ज्यादा बच्चों की चिंता रहती है। लेकिन उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में इस तरह की महिलाओं के लिए सरकारी योजनाएं सहारा बनीं। इन महिलाओं को ना सिर्फ रहने की छत मिली, बल्कि खाने के लिए राशन की भी व्यवस्था हो गई। जिले में कई ऐसी तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को आवासित किया जा चुका है। इसपर महिलाओं ने पीएम मोदी और सीएम योगी को धन्यवाद दिया है।
तीन तलाक पर मोदी सरकार ने कानून बनाया तो पूरे देश में घमासान मचा
मिली जानकारी के मुताबिक, तीन तलाक पर मोदी सरकार ने कानून बनाया तो पूरे देश में घमासान मचा। कानून के खिलाफ विरोध की आवाज भी बुलंद हुई, लेकिन विरोध करने वाले यह नहीं जानते थे कि जिन महिलाओं को तीन तलाक मिला है। उनके भविष्य का क्या होगा। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद में करीब 2 दर्जन से अधिक मामले तीन तलाक के थे। पतियों ने तीन तलाक देकर पत्नियों का घर उजाड़ दिया। पति का घर छूटा तो वह मायके पहुंचीं, लेकिन यहां पर भी ज्यादा दिन रह नहीं पाईं। आसपास के ताने और परिवार के दबाव ने तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं को झकझोर कर रख दिया।
सौरभ त्रिपाठी ने पीड़ित महिलाओं का दर्द सुना और तत्काल PM आवास योजना के लिए आवेदन कराया
आपको बता दें कि तलाक से पीड़ित ऐसी महिलाएं किसी तरह से विकास भवन पहुंचीं और नगर विकास अभिकरण कार्यालय में परियोजना अधिकारी सौरभ त्रिपाठी से मिलीं। सौरभ त्रिपाठी ने तीन तलाक पीड़िता महिलाओं का दर्द सुना और उसका आवेदन तत्काल पीएम आवास योजना के लिए कराया। साथ ही इस तरह की महिलाओं को चिन्हित करने के लिए सर्वेयर को भी लगा दिया। सर्वे में रेशमा, खुर्शीद बानो, शाहजहां, कम्मो और नगर पंचायत दरियाबाद की शन्नो नाम की कुल पांच महिलाएं मिलीं, जिन्हें डूडा अधिकारी ने आवेदन करवा कर प्रधानमंत्री आवास दिलाया। इसके अलावा इन महिलाओं को पीएम स्वानिधि योजना का लाभ दिलाया गया। साथ ही राशन कार्ड बनवा दिया गया। जिससे अब इन्हें हर महीने राशन भी मिल रहा है।
पति ने छोड़ा तो मायके वालों के लिए वह बन गई थी बोझ: पीड़ित महिला
तीन तलाक से पीड़ित महिला खुर्शीद बानो ने बताया कि पति ने छोड़ा तो मायके वालों के लिए वह बोझ बन गई थीं। आसपास के लोग ताने भी देने लगे थे। लेकिन अब उन्हें आवास मिल गया है। जिसके चलते अब रहने की कोई दिक्कत नहीं होती। वहीं शाहजहां ने बताया कि तीन तलाक मिलने के बाद वह बिल्कुल अकेले पड़ गई थीं। किसी तरह से पुश्तैनी जमीन मिल गई पर रहने के लिए घर नहीं था। लेकिन अब केंद्र सरकार की योजनाओं से मजबूती मिली है। आज उनके पास पक्का घर है और खाने के लिए राशन भी मिलता है। वहीं कम्मो ने बताया कि जब पति ने तीन तलाक दिया तो मानो उन पर कोई पहाड़ टूट पड़ा हो। भविष्य की चिंता थी लेकिन मोदी सरकार की योजनाओं ने हिम्मत दी। अब घर मिल गया है। साथ ही खाने का राशन भी मिल रहा है।
तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं के बारे में जानकारी जुटाने के लिए लगाया गया था एक सर्वेयर
वहीं डूडा अधिकारी सौरभ त्रिपाठी के मुताबिक, तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एक सर्वेयर लगाया गया था। सर्वे में ऐसी 5 महिलाओं की जानकारी मिली थी। जिसके बाद अब तक इन सभी पांच महिलाओं को पीएम आवास और दूसरी योजनाओं से जोड़ा जा चुका है। सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि नई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ऐसी और भी महिलाओं को आवास दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगे भी इस तरह का सर्वे का काम जारी रहेगा। जिससे कोई भी जरूरतमंद सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।