लोगों को कराया अपनी मौजूदगी का एहसास, दलित हिंसा को लेकर पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च

punjabkesari.in Saturday, Apr 07, 2018 - 11:12 AM (IST)

मेरठः 2 अप्रैल को हुई दलित हिंसा को लेकर प्रशासन अब हरकत में आता दिखाई दे रहा है। एससी/एसटी कानून में संशोधन के बाद दलित लोगों ने सड़क पर उतरकर करोडों की सरकारी और आम जनता की संपत्ति को स्वाहा कर दिया। वहीं इस घटना के बाद पुलिस ने मेरठ के मुख्य चौराहों से होते हुए तकरीबन पूरे शहर में अपनी मौजूदगी का एहसास करवाया और फ्लैग मार्च निकाला।
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पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च  
बता दें कि, बीती 2 तारिख को एससी/एसटी कानून में संशोधन के विरोध में दलित समुदाय के लोगों ने भारत बंद का एेलान किया था। भारत बंद के दौरान सुनियोजित तरीके से पूरे उत्तर प्रदेश को दंगे की आग में झोंक दिया गया था। इस दौरान सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। घटना के बाद पुलिस ने पूरे जोन में सैकड़ों लोगों को दंगा भड़काने के आरोप में सलाखों के पीछे डाल दिया और उनपर सख्त करवाई की जा रही है। खास बात यह है कि इस हिंसा में ज्यादातर बसपा के नेता फसते दिखाई दे रहे हैं।
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BSP महापौर के खिलाफ भी की जा रही है जांच
बसपा के पूर्व योगेश वर्मा, बसपा से मुजफ्फरनगर के जिला अध्यक्ष सहित अन्य दंगा भड़काने के आरोप में सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। वहीं सपा नेता अतुल प्रधान, सपा नेता विपिन मनोठिया के खिलाफ भी विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसी कड़ी में बसपा की मेरठ महापौर और पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा का नाम भी इस हिंसा से जुड़ रहा है। उनके खिलाफ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
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हेल्पलाइन नंबर पर मिली दंगे से जुड़ी 3500 वीडियो
वहीं पुलिस ने जो हेल्पलाइन नंबर जारी किया था, उस पर करीब 3500 वीडियो, ऑडियो समेत अन्य चीजे पहुंची हैं, जिन्हे पुलिस फिल्टर करवा रही है और साक्ष्य बनाकर इनका इस्तेमाल करेगी। इस दंगे में जो सरकारी संपत्ति का नुक्सान हुआ है उसे आरोपियों से वसूला जाएगा। 


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Deepika Rajput

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