प्रयागराज: हाथरस सत्संग मौत मामला पहुंचा Allahabad High Court, जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग
punjabkesari.in Wednesday, Jul 03, 2024 - 10:23 AM (IST)
Hathras accident: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित सत्संग में भगदड़ मची भगदड़ के बाद हुई मौत का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंच गया है। घटना को लेकर दाखिल लेटर पिटीशन डाली गई है।अधिवक्ता गौरव द्विवेदी ने चीफ जस्टिस अरुण भंसाली को लेटर पिटीशन भेजा है। लेटर पिटीशन में पूरी घटना की सीबीआई या न्यायिक जांच कराए जाने की मांग की है।
उन्होंने घटना में जिम्मेदार अफसरों को सस्पेंड करने और 116 लोगों की मौत की जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। पूरे मामले की जांच स्पेशल इंस्टिगेटिव एजेंसी से कराए जाने का आदेश दिए जाने की भी मांग की गई है साथ ही उन्होंने हादसे में घायलों और मृतकों के परिजनों पर उचित मुआवजा दिए जाने की भी मांग की गई है। घायलों को समुचित इलाज की व्यवस्था करने की भी मांग की गई है। कोर्ट अगर इस पत्र याचिका को मंजूर करती है तो जनहित याचिका कायम कर सुनवाई कर सकती है। इस मामले में कोर्ट कोर्ट भी कोई सख्त आदेश दे सकती है। जिससे भविष्य में कोई ऐसी घटना होने से पहले रोका जा सके।
आप को बता दें कि सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को हुई भगदड़ में मारे गए 116 लोगों में से ज्यादातर की शिनाख्त हो गयी। जबिक हादसे में अब तक मृतकों की संख्या बढ़कर 121 पहुंच गई है। अधिकारियों ने बताया कि एटा और हाथरस सटे हुए जिले हैं और सत्संग में एटा के लोग भी शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सत्संग में आगरा,संभल,ललितपुर,अलीगढ़,बदायूं, कासगंज,,मथुरा,औरैया, पीलीभीत, शाहजहांपुरर, बुलंदशहर, हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल , मध्यप्रदेश के ग्वालियर, राजस्थान के डीग आदि जिलों से भी अनुयायी सत्संग में पहुंचे थे।
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त की ओर से जारी सूची के अनुसार मृतकों की पहचान खुशबू (जलेसर), वीरा (बदायूं) रामवती (पीलीभीत) ऊषा (बुलंदशहर), धरमवती (बदायूं), माया (बुलंदशहर) सुखवती (ललितपुर), शीला (आगरा), रामवेटी (पीलीभीत), बासो (मथुरा), सुनीता, सुदामा (कासगंज), प्रेमवती (दादरी) ईश्वर प्यारी (एटा) राजकुमारी (अलीगढ़), रामादेवी (शाहजहांपुर), राधा देवी (आगरा), संगीता देवी (आगरा), शीला देवी (औरैया), पिंकी शर्मा (संभल) के तौर पर की गई है।
उन्होंने बताया कि हादसे में ममता (आगरा), इंद्रावती (हाथरस), गुडिया (आगरा), ममता (अलीगढ़), मीना (एटा), सीमा (कासगंज) युवांश (कासगंज), रोशनी (बदायूं), राजवती (हाथरस), गुडडी (आगरा), रामादेवी (फिरोजाबाद), गौरी (बुलंदशहर), भगवान देवी (मथुरा), मुन्नी देवी (कासगंज), सुधा, निहाल देवी (आगरा), रामनरेश (औरैया), श्रीमती सर्वेश (अलीगढ़), मंजू (अकराबाद) की भी मौत हुई है।
सूची के मुताबिक मृतकों में पंकज (अकराबाद) दीपमाला (शाहजहांपुर), जशोदा (लखीमपुर खीरी), कुसुम (बदायूं), बैजंती (आगरा), मुन्नी (हाथरस), रामवेटी (आगरा), शांति देवी (अलीगढ़), राजेंद्री (राजस्थान), गीता देवी (आगरा), गीता देवी की भांजी (आगरा), आशा देवी (हाथरस), रामश्री (ग्वालियर-मध्यप्रदेश), सविता (आगरा), शीला देवी (हाथरस), सावित्री (हाथरस), यशोदा (मथुरा), चंद्रप्रभा (एटा), काव्या (शाहजहांपुर), आयुष (शाहजहांपुर), रोविन (एटा), ज्योति (बुलंदशहर), मीरा (कासगंज), सोमवती (कासगंज), गंगा देवी (हाथरस), रेवती (कासगंज), प्रियंका (कासगंज), बीना (एटा), सोनदेवी (हाथरस), कमलेश (मथुरा), शिवराज (अलीगढ़), मुन्नी देवी (आगरा), चंद्रवती (पलवल-हरियाणा), कमला देवी (कासगंज) और श्रीमती त्रिवेणी (मथुरा) शामिल हैं। इसके अलावा शेष शवों की पहचान की कोशिश की जा रही है। इसके पहले मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पत्रकारों को हताहतों का ब्योरा देते हुए कहा था कि 116 लोगों में से सात बच्चे, एक पुरुष और बाकी महिलाएं हैं। सिंह ने बताया कि 72 मृतकों की पहचान हो गई है। पहचान के बाद मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंपे जाएंगे।