Prayagraj: इफ्को ने शुरू किया नैनो यूरिया तरल का उत्पादन, विदेशों में भी इसकी भारी मांग

punjabkesari.in Monday, Dec 26, 2022 - 11:32 PM (IST)

प्रयागराज: फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए यूरिया के बेतहाशा इस्तेमाल से कृषि भूमि की नष्ट हो रही उर्वरा शक्ति को ध्यान में रखते हुए इफ्को फूलपुर ने नैनो यूरिया तरल का उत्पादन शुरू किया है। इफ्को के प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि बहुप्रतीक्षित उत्पाद नैनो यूरिया तरल का उत्पादन फूलपुर की इफ्को इकाई में शुरू हो गया है। नैनो प्लांट की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन दो लाख बोतल है।

नैनो तरल 45 किलो वाली एक बोरी यूरिया से सस्ती होगी
शुरूआती दौर में 50 हजार बोतल प्रतिदिन से नैनो का उत्पादन शुरू किया। पूरी क्षमता से उत्पादन शुरू होने में अभी कुछ महीने का समय लगेगा। एक ही दिन इफ्को ने उत्तर प्रदेश में अपने दो प्लांटों प्रयागराज के फूलपुर एवं बरेली की आवला यूनिट में नैनो यूरिया तरल का उत्पादन प्रारंभ किया है। इफ्को प्रबंधन का दावा है कि नैनो फटिर्लाइजर से भूमि की उर्वराशक्ति ही नहीं बल्कि उत्पादन भी बढ़ेेगा। यह नैनो तरल 45 किलो वाली एक बोरी यूरिया से सस्ती होगी। बोरी वाली यूरिया की कीमत जहां 267 रूपये प्रति बोरी है, वहीं नैनो तरल की आधा लीटर खाद सिर्फ 240 रुपये में ही किसानों को मिल जाएगी और काम एक बोरी यूरिया के बराबर करेगी।      

फूलपुर में स्थापित नैनो प्लांट की क्षमता दो लाख बोतल प्रतिदिन
इफ्को फूलपुर के कार्यकारी निदेशक संजय कुदेशिया एवं संयंत्र के वरिष्ठ महाप्रबंधक गिरिधर मिश्र ने बताया कि नैनो यूरिया तरल कृषि के क्षेत्र में इफको का जहां एक क्रांतिकारी कदम है, वहीं देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी यह लाभकारी सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि इफको फूलपुर में स्थापित नैनो प्लांट की क्षमता 100 किलो लीटर यानी दो लाख बोतल प्रतिदिन की है। दो दिन पहले प्लांट का ट्रायल हुआ और 50 हजार बोतल से उत्पादन शुरू किया गया। जुलाई 2023 से यह प्लांट पूरी क्षमता से शुरू कर दिया जाएगा। यहां उत्पादित नैनो यूरिया तरल का सोमवार से कारडेट इफको द्वारा हजारों एकड़ भूमि में की जा रही फसलों में इस्तेमाल के लिए भेजी गई। विदेशों में भी इसकी भारी मांग है।      

नैनो तरल के प्रयोग से बंजर हो रही जमीन की उर्वराशक्ति बढ़ेगी
उन्होंने बताया कि नैनो टेक्नोलाजी में इफ्को के अनुसंधान एवं विकास जरूरी रासायनिक संरचना के साथ विश्व स्तर पर उर्वरक उत्पादन को बेहतर बनाने की क्षमता प्रदान करता है। जो पर्यावरण प्रभाव को कम करता है और पौधो की उत्पादकता को बढ़ाता है। नैनो तरल के प्रयोग से बंजर हो रही जमीन की उर्वराशक्ति बढ़ेगी। कुदेशिया ने बताया कि रबी की फसल के दौर में नैनो तरल यूरिया किसानों के लिए वरदान साबित होगी। यूरिया की लिक्विड फॉर्म किसानों को अपने खेतों में ले जाने में बहुत सुविधाजनक है। पहले लोगों को बोरी में उर्वरक को ले जाने में थोड़ी परेशानी होती थी,लेकिन अब इससे उन्हें राहत मिल गई है।क्षेत्रीय स्तर पर इस इकाई के चालू होने से उर्वरक की व्यवस्था और सुद्दढ़ हो जाएगी।


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Content Writer

Mamta Yadav

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