महिलाओं के लिए आरक्षण, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल...सपा का घोषणा पत्र जारी, जातिवार जनगणना समेत किए कई वादे

punjabkesari.in Wednesday, Apr 10, 2024 - 05:15 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बुधवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया। इस दस्तावेज में जातिवार जनगणना कराने, महिलाओं के लिए आरक्षण, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत अनेक वादे किए गए हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेताओं ने यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में दल का चुनाव घोषणा पत्र 'जनता का मांग पत्र, हमारा अधिकार' जारी किया। ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया)' के प्रमुख घटक दल सपा के 20 पन्नों के इस घोषणा पत्र में 'इस बार पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) सरकार' का आह्वान किया गया है। 
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सपा अध्यक्ष ने इस मौके पर कहा, "हम अपने इस विजन डॉक्यूमेंट के साथ जनता के बीच जा रहे हैं और हमें उम्मीद है कि जनता समाजवादियों और गठबंधन का समर्थन करेगी तथा उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जीत के साथ इंडिया गठबंधन सबसे ज्यादा सीट जीतेगा।" घोषणा पत्र में लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर जातिवार जनगणना कराये जाने और इसके आधार पर 2029 तक सभी के लिए न्याय और हिस्सेदारी सुनिश्चित करने, 2025 तक अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के सभी सरकारी रिक्त पदों पर भर्ती करने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, निजी क्षेत्र में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने और 2029 तक गरीबी का पूरी तरह से खात्मा करने का वादा किया गया है।
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इसके अलावा घोषणा पत्र में अग्नि वीर योजना को खत्म कर सशस्त्र बलों में स्थाई भर्ती एक बार फिर शुरू करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने, किसानों के कृषि सम्बन्धी कर्ज माफ करने, मुफ्त सिंचाई की सुविधा देने, किसान आयोग का गठन करने और सभी भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों को पांच हज़ार रुपये प्रतिमाह पेंशन देने तथा मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार गारंटी कानून लागू करने के वादे किए गए हैं। घोषणा पत्र में महिला सशक्तिकरण के लिए महिला अपराधों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाने और देशव्यापी हेल्पलाइन बनाने, परिसीमन का इंतजार किए बगैर दो साल के अंदर संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने और सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के वादे भी किए गए हैं। सपा के घोषणा पत्र में मुफ्त राशन में गेहूं की जगह आटा देने और हर राशन कार्डधारक परिवार को 500 रुपए का मोबाइल डेटा मुफ्त देने का वादा भी किया गया है।

इसके अलावा नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करने, शिक्षा का बजट जीडीपी के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर छह प्रतिशत करने, सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य के अधिकार की कानूनी गारंटी देने और डिजिटल फासले को खत्म करने का भी वादा किया गया है। घोषणा पत्र में केंद्रीय और राज्य की सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण बंद करने और छंटनी रोकने, न्यूनतम दैनिक मजदूरी को बढ़ाकर 450 रुपए करने, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण नियंत्रण पर राष्ट्रीय नीति बनाने, रेलवे समेत सार्वजनिक परिवहन में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट बहाल करने और ‘स्मार्ट विलेज क्लस्टर डेवलपमेंट अथॉरिटी' के माध्यम से संचालित होने वाले स्मार्ट विलेज क्लस्टर्स को पूरे देश में स्थापित करने के वादे भी किए गए हैं। सपा अध्यक्ष ने संवाददाताओं से बातचीत इसे लोकतंत्र बचाने का चुनाव बताते हुए कहा कि केवल समाजवादी पार्टी ही नहीं बल्कि देश के बहुत से लोग इस बात को महसूस करते हैं कि अगर भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार सत्ता में आ गई तो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान को भी बदल देगी। उन्होंने आशंका प्रकट की कि हो सकता है कि वह वोट के अधिकार को भी छीन ले। 

उन्होंने चुनावी बांड को लेकर हुए खुलासों का जिक्र करते हुए कहा, "भाजपा ने लूटने का काम किया था और चंदे के नाम पर वसूली हुई है। भाजपा के पास इसके लिए क्या सफाई है? क्या कोई सोच सकता था कि एक-एक हजार करोड़ रुपए की वसूली की जाएगी। क्या यह भ्रष्टाचार महंगाई का कारण नहीं है? क्या यह कुछ लोगों को संतुष्ट करके, खुश करके पूरी अर्थव्यवस्था को चौपट करने का रास्ता नहीं है?" अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "आप (भाजपा) चंदा तो कितना ले रहे हैं लेकिन कोई मंच ऐसा नहीं होता जहां आप भारत माता की जय न बोलते हों। क्या आपने अग्निवीर व्यवस्था लागू करके नौजवानों के सपने नहीं तोड़े? इनका जवाब भाजपा के पास नहीं है, इसलिए सच्चाई लोगों तक न पहुंच जाए चाहे वह यूट्यूब हो, चाहे कोई चैनल हो या कोई अखबार हो उस पर दबाव बनाया जा रहा है।" सपा इंडिया गठबंधन के तहत उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है जबकि कांग्रेस 17 सीट पर मैदान में है। इसके अलावा भदोही लोकसभा सीट तृणमूल कांग्रेस को दी गई है। 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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