इंडो-नेपाल बॉर्डर पर 13 साल बाद सड़क बनाने का रास्ता साफ, दर्जनों गांव के लोगों का आसान होगा सफर

punjabkesari.in Sunday, Aug 20, 2023 - 01:18 PM (IST)

लखनऊ : यूपी में इंडो-नेपाल बॉर्डर पर 1621 करोड़ की लागत से 64 किमी सड़क बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। गृह मंत्रालय ने इसके लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई है।

सड़क बनने से दर्जनों गांव के लोगों का आसान होगा सफर
प्रस्तावित सड़क पीलीभीत में पिलर संख्या 7 बंदरभोज, पिलर संख्या 42 शारदा पुरी बाजार घाट तक 39 किलोमीटर सड़क बनने से दर्जनों गांव के लोगों का सफर आसान होगा। पीलीभीत से लेकर लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज 64 किमी तक इंडो-नेपाल बॉर्डर पर सड़क बनाने का काम तेजी से शुरू हो जाएगा। अधिशासी अभियंता संजीव जैन ने बताया कि 2.8 किमी लंबाई का लघु सेतु का निर्माण, पीलीभीत में 37.13 किमी लंबी सड़क के लिए 394.40 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई थी। 31 जुलाई 2023 को भारत सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। 27 जुलाई को वन्य जीव संस्थान देहरादून के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई थी। इसके बाद सड़क पर 11 अंडरपास की सहमति दे दी है। सड़क पर वन्यजीवों के आने जाने के लिए 11 अंडरपास बनाए जाएंगे। इसके अलावा एक फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा।

परियोजना के लिए बनाए गए नोडल अफसर:
सड़क बनाने की शुरुआत नवंबर 2010 में की गई थी। लेकिन वन विभाग की एनओसी न मिलने की वजह से इसका निर्माण फंसा हुआ था। परियोजना के लिए अधिशासी अभियंता लखीमपुर खीरी और अधिशासी अभियंता इंडो नेपाल बॉर्डर बहराइच को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया है।

 


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Content Writer

Ajay kumar

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