मूर्तिकार तय करेंगे किस पत्थर से गढ़ी जाएगी रामलला की मूर्तिः नेपाल, उड़ीसा व कर्नाटक से भी आएंगी शिलाएं

punjabkesari.in Monday, Jan 30, 2023 - 10:46 PM (IST)

अयोध्या: रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन किया गया। फिर भी रामलला के विग्रह का विषय अनिर्णीत रहा। उधर नेपाल से आ रही शालिग्राम शिला से रामलला के विग्रह का निर्माण तय नहीं है। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय का कहना है कि उड़ीसा व कर्नाटक से भी शिलाएं आएंगी। इन सभी का तुलनात्मक अध्ययन की बैठक रविवार को रामघाट मूर्तिकार करेंगे। फिर उनके परामर्श पर ट्रस्टी विचार करेंगे। ट्रस्टियों की सहमति के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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नेपाल सरकार से काली गंडकी नदी से शालिग्राम शिला निकलवाने का आग्रह
ट्रस्ट महासचिव जनकपुर धाम के रामजानकी मंदिर के महंत रामतपेश्वर दास ने नेपाल सरकार से काली गंडकी नदी से शालिग्राम शिला निकलवाने का आग्रह किया था। नेपाल सरकार ने इस आग्रह को स्वीकार करके नदी से विशेषज्ञों की देखरेख में शिला निकलवाई। यह शिला जनकपुर धाम में पहुंच गयी। यह शिला दो फरवरी को यहां आएगी।

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निर्माण समिति के पदाधिकारियों की हुई बैठक
निर्माण समिति के पदाधिकारियों की बैठक रविवार को रामघाट स्थित कार्यशाला में शुरू हुई। वहीं तकनीकी विशेषज्ञों की गोपनीय बैठक अलग हुई। इस गोपनीय बैठक का कोई ब्योरा नहीं मिल सका, जबकि पदाधिकारियों की बैठक में रामलला के विग्रह के माडलों पर गहनता से मंथन किया गया। तीर्थ क्षेत्र के महासचिव ने बताया कि ट्रस्टियों ने रामलला की भाव मुद्रा पर अपने-अपने विचार दिए। इस बैठक में देश के प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत भी मौजूद थे। उन्होंने अपना भी माडल प्रस्तुत किया। बताया गया कि मूर्तिकला विशेषज्ञ कामत को सबके विचारों को समाहित करते हुए एक माडल बनाने की जिम्मेदारी दी गयी है। बैठक में जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि, अयोध्या नरेश विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, डा. अनिल मिश्र, गोपाल राव, पीएमओ में अयोध्या सेल के प्रभारी व सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह, सीबीआरआई के पूर्व निदेशक अनूप मित्तल के अलावा प्रो. रमन सूरी व बीएसएफ के पूर्व डीजी केके शर्मा वर्चुअल शामिल हुए।

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जन्मभूमि पथ की बदलेगी डिजाइन

निर्माणाधीन जन्मभूमि पथ की डिजाइन में बदलाव किया जाएगा। इस पथ पर मंदिर परिसर से 90 मीटर पहले यात्री सामानों की जांच के लिए स्कैनर लगाया जाएगा। पहले यह स्कैनर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा प्रस्तावित यात्री सुविधा केंद्र के लाकर काउंटर पर बनाया जाना था, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की आपत्ति के बाद स्थान परिवर्तित कर दिया गया है। खास बात यह है कि स्थल बदले जाने की जानकारी जन्मभूमि पथ निर्माण एजेंसी को नहीं दी गयी। इसके कारण कार्यदायी एजेंसी के अधिकारी उस समय असहज हो गये जब मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र के समक्ष इस योजना का खुलासा किया। फिलहाल उन्होंने कमिश्नर गौरव दयाल को निर्देशित किया कि एसएसपी समेत सभी निर्माण समिति के पदाधिकारियों अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर डिजाइन तय करें।


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Content Writer

Ajay kumar

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