Shahjahanpur News: बेटे की अंतिम झलक पाने के लिए मां को करना पड़ा लंबा इंतजार, मौत के 14 महीने बाद भारत लाया गया शव

punjabkesari.in Tuesday, May 30, 2023 - 09:24 AM (IST)

शाहजहांपुर(नंद लाल)Shahjahanpur News: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर चौक कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले युवक मोहम्मद आलम सउदी अरब के जेद्दा में काम करता था। जहां उसकी मौत 30 मार्च 2022 हो गई थी। मोहमद आलम की मौत की खबर अगस्त महीने में दूतावास के माध्यम से परिवार को मिली थी। तमाम कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद सोमवार की साम शव सउदी अरब के जेद्दा से 14 महीने बाद घर पहुंचा।

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सउदी अरब के जेद्दा से 14 महीने बाद घर पहुंचा शव
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चौक कोतवाली थाना क्षेत्र के मेहमान शाह के रहने वाले मृतक मोहम्मद आलम के बड़े भाई आफताब ने मंगलवार को बताया कि मेरा भाई मोहम्मद आलम उम्र (34 ) 2013 में सउदी अरब के जेद्दा में नौकरी करने गया था। वापस लौटने के बाद परिवार का खर्च चलाने के लिए कोरोना संक्रमण के बाद वह फिर से जेद्दा चला गया। 30 मार्च 2022 को मोहम्मद आलम की सउदी अरब में मौत हो गई। 24 अगस्त को इसकी जानकारी दूतावास के माध्यम से परिवार को मिली। मेरे भाई मोहम्मद आलम का शव 14 महीने तक सउदी अरब के जेद्दा के अस्पताल में रखा रहा। परिवार ने इस दौरान पुलिस प्रशासन से लेकर तमाम नेताओं से शव लाने की गुहार लगाई। परिवार ने शव लाने के लिए हिम्मत नही हारी, सउदी अरब में काम करने वाले कुछ लोगों ने कागजी कार्रवाई को लेकर काफी मदद की। सोमवार की शाम सउदी से शाहजहांपुर शव को लाया गया। मोहल्ले और तमाम रिश्तेदार मृतक के घर पहुंच गए। मोहम्मद आलम का शव मेहमानशाह कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

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परिवार का खर्चा चलाने के लिए सउदी अरब के जेद्दा में नौकरी करने चला गया था मृतक
मृतक के भाई आफताब ने बताया कि मोहम्मद आलम की शादी फरीन नाम की लड़की से 5 साल पहले शादी हुई थी। लेकिन कुछ समय बाद आए दिन पत्नी से विवाद होता था। कई बार उनके विवाद को सुलझाया  गया। आखिरकार सुकून पाने और परिवार का खर्च चलाने के लिए उसका भाई मोहम्मद आलम सउदी अरब के जेद्दा में नौकरी करने चला गया। लेकिन जब मौत की खबर मिली तो, एलआईयू की तरफ से पूछताछ के लिए परिवार और उसकी पत्नी को बुलाया गया। आफिस के अंदर मृतक मोहम्मद आलम की पत्नी ने एलआईयू अधिकारी से कहा कि, शव का वहीं अंतिम संस्कार करा दिया जाए और उनका कमाया हुआ रुपया मेरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाए। लेकिन हमने और मां ने कहा था कि, मुझे पैसा नहीं चाहिए, मुझे अपने बेटे और भाई का आखिरी बार चेहरा देखना है।

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मृतक के भाई आफताब ने पुलिस प्रशासन,सरकार और विदेश मंत्री से लगाई थी मदद की गुहार
आपको बता दें कि उसके बाद आफताब ने पुलिस प्रशासन से लेकर सरकार और विदेश मंत्री से मदद की गुहार लगाई और लगातार अपनी कागजी कार्रवाई करते रहे। मृतक के भाई आफताब ने सउदी में काम करने वाले केरल के व्यक्ति से संपर्क कर मदद मांगी थी और कहा था कि एक रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये अगर उसके भाई के हैं तो वो रूपये सउदी की मस्जिदों और जरूरत मंद को दे दिया जाए, लेकिन मेरे भाई का शव शाहजहांपुर भेज दो। इसके बाद सउदी अरब दूतावास से लेकर भारतीय दूतावास में तमाम प्रार्थना पत्र से लेकर मागे गए दस्तावेज भेजे गए। आखिरकार भाई ने कामयाबी हासिल कर ली। सोमवार की शाम 14 महीने बाद शव को सउदी अरब से लखनऊ एयरपोर्ट भेजा गया और उसके बाद शव को एंबुलेंस से शाहजहांपुर स्थित घर लाया गया। उसके बाद मृतक के घर पर शव देखने की लोगों की भीड़ लग गई।


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Content Editor

Anil Kapoor

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