''ईश्वर के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं'' कहावत हुई सच साबित, 22 साल बाद मिला सिद्दीकी परिवार को न्याय

punjabkesari.in Monday, Feb 20, 2023 - 04:25 PM (IST)

गोंडा(ओम चन्द शर्मा): यह बात तो हम सबने सुनी है कि ईश्वर के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं है। यह कहावत आज एक बार सच साबित हुई है। जी हां 22 साल पहले नगर कोतवाली क्षेत्र में हुई एक डकैती और 6 लोगों की हत्या करने वाले शातिर बदमाश को यूपी एसटीएफ ने बुलंदशहर में एक एनकाउंटर में मार गिराया है। शातिर अपराधी ने नगर कोतवाली क्षेत्र के मेवातियान मोहल्ले के रहने वाले रेलवे के कांट्रेक्टर के घर 16-17 अगस्त 2001 की रात को डकैती डाली थी और परिवार के 6 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। मृतकों में दो मासूम बच्चे भी शामिल थे। इस वारदात में 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस ने इस शातिर हत्यारे पर 1 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। सोमवार को हत्यारे के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर जब पीड़ित परिजनों को मिली तो उनके चेहरे पर संतोष नजर आया।

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17 अगस्त 2001 की रात को सशस्त्र डकैतों ने रेलवे कांट्रेक्टर तारिक सिद्दीकी के घर डाली थी डकैती
जानकारी के मुताबिक, नगर कोतवाली क्षेत्र के मेवातियान मोहल्ले में 17 अगस्त 2001 की रात को सशस्त्र डकैतों ने रेलवे कांट्रेक्टर तारिक सिद्दीकी के घर डकैती डाली थी। इस डकैती में बदमाशों ने उनके पिता समेत 6 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, जबकि 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मृतकों में दो मासूम बच्चे भी शामिल थे। वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश लाखों रुपए की नकदी व जेवर लूट ले गए थे। पीड़ित की तरफ से 10 अज्ञात बदमाशों के खिलाफ नगर कोतवाली में डकैती व हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मामले में तत्कालीन कोतवाल हीरा सिंह ने विवेचना कर फिरोजाबाद के रहने वाले शातिर बदमाश साहेब सिंह समेत 10 बदमाशों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस ने साहब सिंह पर ₹100000 का नगद इनाम घोषित कर रखा था। रविवार को फिरोजाबाद जिले में यूपी एसटीएफ की टीम ने एक एनकाउंटर में बदमाश साहब सिंह को मार गिराया है। शातिर हत्यारे के मारे जाने की खबर सोमवार को जब तारिक के परिजनों को मिली तो उनके परिजनों की निर्मम हत्या की वारदात हादसे की याद एक बार फिर से ताजा हो गई।

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ईश्वर एक दिन न्याय जरूर करेगा और आज न्याय मिला: तारिक सिद्दीकी
आपको बता दें कि शातिर बदमाश साहब सिंह के मारे जाने की खबर पर वह दर्दनाक दृश्य एक बार फिर से तारिक की आंखों के सामने घूम गया। तारिक ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि ईश्वर एक दिन न्याय जरूर करेगा और आज न्याय मिला है, इस बात की खुशी है। वहीं इस खौफनाक वारदात में घायल हुई कविता का कहना है कि वारदात के वक्त वह महज 4 साल की थी जब हत्यारों ने उसे मरणासन्न कर छोड़ दिया था। लेकिन ऊपर वाले की कृपा से हो जिंदा बच गई। परिजन तो उसके जिंदा बचने पर भरोसा ही नहीं कर रहे थे लेकिन चाचा के प्रयास से वह आज भी जीवित है। हादसे में अपने मां-बाप और छोटे भाई को खो चुकी रिफा ने कहा कि आज जब उसके परिवार का हत्यारा साहब सिंह मारा गया है तो उसे खुशी मिली है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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