यूपी में कड़कड़ाती ठंड ने बढ़ाई टेंशन! न्यूरो के मरीजों में हुई बढ़ोतरी, पढ़ें विश्व प्रसिद्ध सर्जन डॉ प्रकाश खेतान की सलाह
punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 06:30 PM (IST)
प्रयागराज (सैय्यद आकिब रज़ा): उत्तर भारत इस समय कड़ाके की ठंड और घने कोहरे की चपेट में है। पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बर्फबारी का सीधा असर अब मैदानी क्षेत्रों में साफ दिखाई देने लगा है। तापमान में लगातार गिरावट के कारण आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, बढ़ती ठंड का सबसे ज्यादा असर न्यूरो से जुड़ी बीमारियों पर पड़ रहा है। माइग्रेन, सिरदर्द और स्ट्रोक के मामलों में लगातार इजाफा देखा जा रहा है। खासतौर पर बुजुर्गों, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को सर्दियों में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
ठंड में नसों से जुड़ी समस्याएं बढ़ती हैं
प्रयागराज के प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके डॉ. प्रकाश खेतान का कहना है कि सर्दी के मौसम में लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। ठंड के कारण शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे नसों से जुड़ी कई तरह की परेशानियां सामने आती हैं।
उन्होंने बताया कि सिरदर्द, माइग्रेन और कमर दर्द जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं, लेकिन अगर किसी व्यक्ति में स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दें तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
गुनगुने पानी और गर्म कपड़ों की सलाह
डॉ. प्रकाश खेतान ने कहा कि जिस तरह ठंड लगातार बढ़ रही है, ऐसे में लोगों को अपनी दिनचर्या में बदलाव करना जरूरी है। गर्म कपड़े पहनें, ठंड से शरीर को बचाएं और गुनगुने पानी का अधिक से अधिक उपयोग करें। सुबह के समय टहलने या व्यायाम करने वाले लोगों को भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि ठंड के समय अचानक तापमान में बदलाव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
स्ट्रोक के लक्षण दिखें तो तुरंत कराएं इलाज
पंजाब केसरी संवाददाता सैय्यद आकिब रज़ा से विशेष बातचीत में डॉ. प्रकाश खेतान ने स्पष्ट चेतावनी दी कि स्ट्रोक की स्थिति में किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। कई बार लोग घरेलू उपचार में समय गंवा देते हैं, जिससे मरीज की हालत और गंभीर हो जाती है। उन्होंने कहा कि जैसे ही स्ट्रोक के लक्षण नजर आएं, तुरंत नजदीकी अस्पताल या विशेषज्ञ डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए।
गौरतलब है कि बीते एक सप्ताह में उत्तर भारत के अधिकांश जिलों में तापमान तेजी से गिरा है, जिससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई है और अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

