मेरठ हादसे में मरे कांवड़ियों के बच्चों का छलका दर्द, बोले- पापा नहीं रहे, कौन रखेगा ख्याल?

punjabkesari.in Sunday, Jul 16, 2023 - 06:15 PM (IST)

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में हाई वोल्टेज लाइन की चपेट में आने से 6 कांवड़ियों की मौत होने का मामला सुर्खियों में है। पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ रही है। इस मामले में मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सजवाण ने आज बताया कि इस बात की जांच कराई जा रही है कि ट्रैक्टर ट्राली पर रखे 22 फुट ऊंचे डीजे को आखिर कैसे कांवड़ यात्रा में शामिल होने दिया गया। ये हादसा पीछे न भरने वाले जख्म दे गया है, जो शायद ही कभी भर पाएं। 
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इस हादसे में करीब 40 साल के लखमी की भी मृत्यु हुई। लखमी की मौत के बाद परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। बच्चे बार-बार पूछ रहे हैं कि ‘पापा नहीं रहे, अब कौन उनका ख्याल रखेगा’। परिजनों ने बताया कि घर में लखमी एक मात्र कमाने वाला व्यक्ति था। लखमी के भाई प्रतिम सिंह ने बताया कि वह उनका सगा भाई था लखमी शहर में ई रिक्शा चलाता था और जैसे-तैसे 300-400 रुपए कमा कर घर का गुजरा कर रहा था। अब घर में छोटे बच्चे हैं जो अभी नाबालिग हैं, पत्नी रेखा को काम काज की जानकारी नहीं है और न ही वो पढ़ी लिखी है। अब परिवार परेशान इस बात से है की कैसे बच्चों और लखमी की पत्नी अपना जीवन यापन करेंगी। 
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लखमी के भाई ने बताया कि उनके परिवार की माली हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घर कच्ची इट से बना है। छत पर बांस के डंडे और छप्पर डाले हुए हैं, सोने के लिए एक बिस्तर और एक खाट है। जहां सोने की व्यवस्था है वहीं रसोई का समान भी रखा हुआ है। गाय के गोबर के उपलों से चूल्हा जलता है। अब ऐसी माली हालत में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे कोई बिना किसी मदद के काम काज कर पाएगा। वहीं पीड़ित परिवार मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग कर रहा है। 


 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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