''वंदे मातरम'' को अनिवार्य बनाने के फैसले पर भड़कीं सपा, कहा- देशभक्ति थोपी नहीं जा सकती
punjabkesari.in Monday, Nov 10, 2025 - 07:11 PM (IST)
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सभी स्कूलों में "वंदे मातरम्" गाने को अनिवार्य करने के ऐलान पर सवाल उठाते हुए सोमवार को कहा कि संविधान पसंद की स्वतंत्रता की गारंटी देता है और देशभक्ति थोपी नहीं जा सकती। यादव ने यहां एक प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अगर मैं किसी को लड्डू देना चाहूं और वह कहे कि उसे केक पसंद है, तो क्या मैं जबरदस्ती उसके मुंह में लड्डू डाल सकता हूं? यह कैसी बात है?
संविधान के निर्माताओं ने इसे लोगों की पसंद पर छोड़ दिया था
उन्होंने कहा कि भारत का स्वतंत्रता संग्राम, स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों की आकांक्षा में निहित है। यादव ने कहा, "हमने अंग्रेजों से इसलिए लड़ाई लड़ी क्योंकि हम आज़ादी चाहते थे। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने संविधान का निर्माण किया था और उस समय उस पर गहन बहस हुई थी। इसीलिए राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत दोनों को अपनाया गया। अगर इनमें से किसी एक को गाना अनिवार्य करना ही था तो उसे तब क्यों नहीं (अनिवार्य) बनाया गया? संविधान के निर्माताओं ने इसे लोगों की पसंद पर छोड़ दिया था।
राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान दोनों नियमित रूप से गाए जाते थे
उन्होंने यह भी बताया कि संसद में जब भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं से राष्ट्रगीत या राष्ट्रगान गाने के लिए कहा जाता है, तो वे हमेशा खड़े नहीं होते। अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "मैंने (धौलपुर) सैनिक स्कूल से पढ़ाई की है, जहां सुबह की प्रार्थना के दौरान राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान दोनों नियमित रूप से गाए जाते थे। मैं उस परंपरा के साथ बड़ा हुआ हूं।" प्रेस कॉन्फ्रेंस का समापन राष्ट्रगान (जन गण मन) के साथ हुआ।
योगी वह सब कुछ करेंगे जिससे समाज दो हिस्सों में बंट जाये- सपा
उधर, सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' को उत्तर प्रदेश के स्कूलों में अनिवार्य करने के मुख्यमंत्री के ऐलान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए वाराणसी में कहा कि योगी वह सब कुछ करेंगे जिससे समाज दो हिस्सों में बंट जाये। चंदौली सीट से सपा के सांसद वीरेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में वंदे मातरम् के गायन को राज्य के सभी विद्यालयों में अनिवार्य किये जाने के मुख्यमंत्री के ऐलान के बारे में किये गये एक सवाल पर कहा, ''वह मुख्यमंत्री हैं। वह कुछ भी कर सकते हैं। वह ऐसा सब कुछ करेंगे जिससे समाज दो भागों में बंट जाए।
उन्होंने दलील देते हुए कहा, ''मुसलमानों के धर्म में बुतपरस्ती (मूर्तिपूजा) नहीं है। मुसलमान वन्दे मातरम् का विरोध तो कर नहीं रहे लेकिन जब उनके धर्म में इसकी इजाजत नहीं है तो वे कैसे करेंगे। कोई भी चीज आस्था से होती है, जबरदस्ती नहीं।'' मुख्यमंत्री ने सोमवार को गोरखपुर में 'एकता यात्रा' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के हर विद्यालय और हर शिक्षण संस्थान में वंदे मातरम् का गायन अनिवार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इससे उत्तर प्रदेश के हर नागरिक के मन में भारत माता के प्रति, अपनी मातृभूमि के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव जागृत हो सकेगा। आदित्यनाथ ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, "कुछ लोगों के लिए आज भी भारत की एकता और अखंडता से बढ़कर उनका मत और मजहब हो जाता है। उनकी व्यक्तिगत निष्ठा महत्वपूर्ण हो जाती है। वंदे मातरम् के विरोध का कोई औचित्य नहीं है।

