‘यह मजहब के खिलाफ…’ प्रार्थना सभा में राष्ट्रीय गीत ''वंदे मातरम'' के विरोध पर शिक्षक निलंबित
punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 05:47 PM (IST)
Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के लोधा ब्लॉक स्थित शाहपुर कुतुब गांव के अपर प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षक द्वारा ‘वंदे मातरम’ का विरोध करने का मामला सामने आया है। जांच में आरोप सही पाए जाने पर असिस्टेंट टीचर शमसुल हसन को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने निलंबित कर दिया है। घटना 12 नवंबर 2025 (बुधवार) की है, जब स्कूल में दैनिक प्रार्थना सभा के दौरान राष्ट्रगान के बाद ‘वंदे मातरम’ गाया जा रहा था। इस दौरान शिक्षक शमसुल हसन ने विरोध जताते हुए कहा कि यह उनके मजहब के खिलाफ है।
स्कूल में तनाव, शिक्षकों ने की लिखित शिकायत
प्रधानाध्यापिका सुषमा रानी और स्टाफ सदस्यों चंद्रपाल सिंह, प्रेमलता, सबीहा साबिर, महेश बाबू और राजकुमारी— ने शिक्षक के व्यवहार के खिलाफ लिखित शिकायत दी। उनका आरोप था कि हसन ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और धमकी दी कि वह “मुस्लिम समुदाय को एकत्रित कर विरोध करेंगे।” घटना के बाद स्कूल में तनाव का माहौल बन गया। खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) ने तत्काल निरीक्षण किया और मामले की रिपोर्ट BSA को सौंपी।
जांच में सही पाए गए आरोप
BSA डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि जांच में पाया गया कि शिक्षक ने शासन के आदेशों का उल्लंघन किया और स्कूल के अनुशासन को प्रभावित किया। उन्होंने कहा, “सरकारी विद्यालयों में राष्ट्रगीत गाना सभी शिक्षकों की जिम्मेदारी है। धर्म के नाम पर इसका विरोध अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।”
‘वंदे मातरम’ अब सभी सरकारी स्कूलों में अनिवार्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में ‘वंदे मातरम’ के 150वें वर्ष (7 नवंबर 2025) के अवसर पर इसे सभी सरकारी स्कूलों में अनिवार्य कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि राष्ट्रगीत “राष्ट्रीय एकता और सम्मान का प्रतीक” है और इसका गायन सभी को करना चाहिए।
शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबन
जांच रिपोर्ट के आधार पर शमसुल हसन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में उन्हें गंगीरी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय राजगहीला से संबद्ध किया गया है। BSA ने स्पष्ट कहा, “किसी भी शिक्षक को सरकारी निर्देशों की अनदेखी करने या धार्मिक भावनाओं के नाम पर टकराव पैदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अनुशासन सर्वोपरि है।”
शिक्षक का पक्ष: ‘मैंने तो सिर्फ अनुरोध किया था’
वहीं, निलंबित शिक्षक शमसुल हसन का कहना है कि उन्होंने केवल यह अनुरोध किया था कि ‘वंदे मातरम’ न गवाया जाए, क्योंकि यह पहली बार गाया जा रहा था। उनका दावा है कि सहकर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। हालांकि, विभागीय जांच में यह दावा असत्य पाया गया। सभी शिक्षकों के बयानों में हसन द्वारा विरोध और धमकी की पुष्टि की गई।
प्रार्थना सभा सामान्य, पढ़ाई जारी
BSA ने बताया कि अब स्कूल में प्रार्थना सभा सामान्य रूप से संचालित हो रही है और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। विभाग ने सभी शिक्षकों को “धार्मिक मतभेदों से ऊपर उठकर शिक्षा पर ध्यान देने” की सलाह दी है।

