जालौन में दर्दनाक हादसा: बेटे की मौत का सदमा नहीं झेल पाई मां, शव देखते ही थमी सांसें… एक साथ उठीं दो अर्थियां तो रो दिया पूरा गांव

punjabkesari.in Sunday, Nov 09, 2025 - 04:39 PM (IST)

Jalaun News: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां बुढ़ावली गांव में सैलून संचालक बेटे की मौत के सदमे में मां की भी जान चली गई। एक ही घर से मां-बेटे की दो अर्थियां उठीं तो पूरा गांव शोक में डूब गया। हर किसी की आंखें नम थीं, और गांव में सिर्फ सिसकियां गूंज रहीं थीं।

अचानक बिगड़ी तबीयत, नहीं बच सके सैलून संचालक
मिली जानकारी के मुताबिक, गांव निवासी हरीप्रकाश याज्ञिक उर्फ छौना (39 वर्ष) अपने बड़े भाई हरीशंकर याज्ञिक (42 वर्ष) के साथ माधौगढ़ के मालवीय नगर में रहते थे और दोनों भाई अलग-अलग सैलून चलाते थे। गुरुवार की दोपहर हरीप्रकाश अपने सैलून में काम कर रहे थे कि अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा। उन्हें पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र माधौगढ़ ले जाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर उरई मेडिकल कॉलेज और फिर झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान हरीप्रकाश का निधन हो गया।

बेटे का शव देखते ही मां भी चल बसी
जब हरीप्रकाश का शव शुक्रवार दोपहर गांव बुढ़ावली पहुंचा, तो परिवार में कोहराम मच गया। शव देखते ही उनकी मां किशोरी देवी (72 वर्ष) बेहोश होकर गिर पड़ीं। परिजन उन्हें संभालते उससे पहले ही उनकी भी सांसें थम गईं। कुछ ही घंटों के अंतराल में मां-बेटे दोनों के निधन से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

गांव में मातम, हर आंख नम
गांव के लोगों ने बताया कि किशोरी देवी अपने बेटे से बेहद स्नेह रखती थीं। बेटे की मौत का गम वह सहन नहीं कर सकीं। घर में चीख-पुकार मच गई। हरीप्रकाश अविवाहित थे और उनके पिता मायाराम का निधन करीब पांच वर्ष पहले ही हो चुका था। अब मां और बेटे दोनों के चले जाने से बड़ा भाई हरीशंकर और पूरा परिवार गहरे सदमे में है। शुक्रवार शाम जब दोनों की अंतिम यात्रा एक साथ निकली तो गांव का माहौल गमगीन हो गया। हर व्यक्ति की आंखें भर आईं और लोगों की जुबान पर बस एक ही बात थी- “मां बेटे के बिना जी नहीं सकी।”


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Content Editor

Mamta Yadav

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