Tunnel Rescue: बेटे का बेसब्री से इंतजार कर रही मंजीत की मां, बोली- बचाव कार्य की मशीनें जब रुकती हैं तो लगता है...

punjabkesari.in Tuesday, Nov 28, 2023 - 05:21 PM (IST)

उत्तरकाशी/ लखीमपुर खीरी: सिलक्यारा सुरंग में बचावकर्मियों के जल्द ही मलबे के उस पार पहुंचने की उम्मीद कर रहे मजदूर मंजीत के पिता चौधरी ने मंगलवार को कहा कि लगता है कि उनका लंबा इंतजार आज समाप्त हो जाएगा। बचावकर्मियों के मलबे में ड्रिलिंग का काम पूरा होने और पाइप डाले जाने के समाचारों के आने से सुरंग के बाहर खड़े श्रमिकों के परिजनों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। अधिकारियों ने यहां बताया कि निर्माणाधीन सुरंग के अवरूद्ध हिस्से में की जा रही क्षैतिज ड्रिलिंग 55.3 मीटर तक पूरी हो गई है। 
PunjabKesari
उन्होंने कहा कि आठ सौ मिलीमीटर व्यास के पाइपों के जरिए पिछले 16 दिन से फंसे श्रमिकों को बाहर लाया जाएगा। सुरंग में 40 अन्य मजदूरों के साथ फंसे हुए अपने 22 वर्षीय पुत्र मंजीत के बाहर आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के खेतिहर मजदूर चौधरी ने कहा, ‘‘अधिकारियों ने हमें बताया है कि अब श्रमिकों के जल्द बाहर आने की संभावना है। हमें कपड़े और अपना सामान तैयार रखने को कहा गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद हमें भी उनके पास भेजने की व्यवस्था की जाएगी।'' संवाददाताओं से बात करते समय आज चौधरी के चेहरे पर मुस्कान थी। चौधरी अपने एक पुत्र को पहले ही मुंबई में एक दुर्घटना में खो चुके हैं जिसके बाद मंजीत के सुरंग में फंसने से वह बहुत मायूस थे। 
PunjabKesari
मंगलवार की सुबह खबर मिली थी कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को जल्द ही बाहर निकाला जा सकता है, यह खबर सुनते ही बेटे के इंतजार में गुमसुम बैठी मां का चेहरा चमक उठा। उन्होंने बताया कि बचाव कार्य में लगी मशीनें जब रुक जाती थीं, तो ऐसा लगता था कि जिंदगी रुक गई। अब उनकी जान में जान आई है। वह हर पल भगवान से यही प्रार्थना कर रही थीं कि उनके बेटे समेत सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर निकल आएं। मंजीत की बहनों ने बताया कि वह भाई को बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। उसके घर लौटने पर वह भैया दूज का प्रसाद खिलाएंगी। 

सुरंग में फंसे एक अन्य श्रमिक गब्बर सिंह नेगी के बड़े भाई जयमल सिंह ने कहा कि इस समय वह अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि आज प्रकृति भी खुश नजर आ रही है और ठंडी हवाओं से पेड़ और पत्ते झूम रहे हैं। उन्होंने भी बताया कि उन्हें सामान तैयार रखने तथा अगले आदेश का इंतजार करने को कहा गया है। नेगी ने कहा, ‘‘हम सुरंग के बाहर खड़े होकर उनका इंतजार कर रहे हैं और वे (फंसे हुए श्रमिक) भी संघर्ष कर रहे हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह सब जल्द खत्म हो।'' चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे 41 श्रमिक उसमें फंस गए थे। उन्हें बाहर निकाले जाने के लिए पिछले 16 दिन से युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tamanna Bhardwaj

Related News

static