‘हिंदूओं में होता है महिलाओं का सम्मान’, दो युवतियों ने अपनाया हिंदू धर्म, प्रेमियों संग लिए सात फेरे, प्यार के लिए तोड़ी मजहब की दीवार
punjabkesari.in Saturday, Mar 01, 2025 - 02:31 PM (IST)
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लखनऊ : दिल्ली की रहने वाली रहीमा ने इश्क की खातिर अपना घर और मजहब छोड़ दिया। उन्होंने मजहब बदलने के साथ अपना नाम भी बदल लिया। रहीमा ने थाना बहेड़ी क्षेत्र के प्रेमी दीपक मौर्य से धर्म परिवर्तन कर मंदिर में शादी कर ली। शादी के बाद उसने अपना नाम रिद्धि रख लिया। दोनों की मुलाकात दो साल पहले दिल्ली में हुई थी। युवती ने अपने परिवार से जान का खतरा जताया है, हालांकि पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गई है।
बरेली स्थित शिव मंदिर में दोनों ने रचाई शादी
बता दें कि बहेड़ी के गांव चुरैली का रहने वाला दीपक मौर्य काफी समय से दिल्ली में एक सिलाई फैक्ट्री में काम करता है। यहां काम के दौरान ही उसकी मुलाकात दिल्ली के सीलमपुर निवासी रहीमा से हुई। दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। कुछ समय साथ रहने के बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया। उसके बाद गुरुवार को बरेली स्थित एक शिव मंदिर में दोनों ने शादी कर ली।
'हिंदू धर्म में महिलाओं का होता है सम्मान'
रहीमा का कहना है कि उसे हिंदू धर्म की महिलाओं की तरह मांग में सिन्दूर, हाथों में चूड़ियां, गले में मंगलसूत्र पहनना बहुत पसंद है। हिंदुओं में महिलाओं का सम्मान होता है। यहां शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है, जबकि हमारे धर्म में तीन बार तलाक बोलकर पलभर में जिंदगी बर्बाद कर देते हैं। महिलाओं का हलाला होता है, जिस वजह से मैंने हिंदू धर्म अपनाया है।
राजेंद्र के प्यार में अलीजा बनी मनीषा
उत्तराखंड के रहने वाले राजेंद्र और अलीजा एक ही गांव के हैं। दोनों के बीच दोस्ती हुई और फिर प्यार हो गया। वह दोनों बालिग हैं। अलग-अलग धर्म के होने के कारण परिवार वाले उनके प्यार को नहीं स्वीकार कर रहे थे। परिजन उनकी शादी के पूरी तरह से खिलाफ थे। अलीजा ने बताया कि राजेंद्र से बात करने पर परिवार वालों ने कई बार उसकी पिटाई भी की थी। इसके बाद उसने राजेंद्र के लिए घर छोड़ने का फैसला लिया। राजेंद्र के साथ अलीजा ने अगस्त्य मुनि आश्रम में हिंदू धर्म अपना लिया। फिर मनीषा बनकर सात फेरे लिए।