कुदरत का चमत्कार: सात माह के बच्चे के पेट से निकला दो किलो का भ्रूण, चार घंटे के ऑपरेशन में डॉक्टरों को मिली सफलता
punjabkesari.in Sunday, Jul 30, 2023 - 11:41 PM (IST)
Prayagraj News: कभी-कभी चिकित्सा विज्ञान में ऐसे में चमत्कार देखने को मिल जाते हैं...जिन पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है...मामला संगम नगरी प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से है...जहां एक 7 महीने के बच्चे के पेट से ऑपरेशन के जरिए 2 किलो का दूसरा बच्चा निकाला गया है...हालांकि इस भ्रूण में कोई जान नहीं थी...बताया जा रहा है कि बच्चे के पेट में ये भ्रूण जन्म के बाद बड़ा होना शुरू हुआ... बता दें कि यह बच्चा प्रतापगढ़ जिले के कुंडा में रहने वाले प्रवीण शुक्ला का है..उनके एक संतान पहले से है...करीब सात महीने पहले पत्नी ने दूसरे बेटे को जन्म दिया...लेकिन उसी दौरान उनकी मौत हो गई...छोटे बच्चे का जन्म से ही पेट फूला हुआ था...इसे लेकर प्रवीण ने पहले कुंडा के डॉक्टरों को दिखाया...कोई राहत नहीं होने पर लखनऊ में कुछ डॉक्टरों को दिखाया.. प्रवीण पत्नी के दिवंगत होने के बाद दोनों बच्चों को संभालते हुए बमुश्किल गुजारा हो रहा है...
इसी कारण लखनऊ के डॉक्टरों ने कई तरह की जांच लिख दीं... जिसे वह नहीं करा पाए...बच्चे का पेट भी दिनों-दिन फूलने लगा...सात महीने का होने पर बच्चे को सांस लेने में दिक्कत आने लगी...वह कुछ खा-पी भी नहीं रहा था... इसलिए उसका वजन भी लगातार घटने लगा... प्रवीण उसे दिखाने लखनऊ स्थित पीजीआई गए...लेकिन पैसे के अभाव में जांच फिर नहीं करा सके...इलाज भी शुरू नहीं हो सका...कुछ लोगों की सलाह पर प्रवीण एक हफ्ते पहले मनु को सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय दिखाने पहुंचे...जहां डॉक्टरों को बच्चे के पेट में ट्यूमर होने की आशंका हुई...उसका अस्पताल में सीटी स्कैन कराने से पता लगा कि बच्चे के पेट में भ्रूण है...इसके बाद डॉ. डी कुमार और डॉ. अरविंद यादव की टीम ने चार घंटे तक ऑपरेशन करके बच्चे के पेट से भ्रूण को निकाला...अब लोग इसे कुदरत का चमत्कार बता रहे है... वहीं बच्चे का सफल ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर डी कुमार ने बताया कि सात माह का बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने कहा कि मेडिकल की भाषा में हम इसे ‘फीटस इन फीटू’ कहते हैं..यानी बच्चे के अंदर बच्चा...इस तरह के मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं...दुनिया में लगभग 200 केस अब तक देखे गए हैं...
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दरअसल डॉक्टरों का कहना है कि चिकित्सा विज्ञान में कभी कभार ही ऐसे केस देखने को मिलते हैं....बता दें कि बच्चे का पिता प्रयागराज से लगे प्रतापगढ़ जिले के कुंडा का रहने वाले हैं...वह कपड़ा सिलने का काम करते हैं...फिलहाल बच्चा स्वस्थ है...