यूपी सरकार ने अचल संपत्ति खरीदने के लिए की नई गॉइडलाइन जारी, जानिए क्या है खास

punjabkesari.in Saturday, Apr 13, 2024 - 05:55 PM (IST)

prलखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से रजिस्ट्री, दान लेने और लीज पर भूमि प्राप्त करने को लेकर नई गॉइडलाइन जारी की गई है। इसमें सरकार के पक्ष में भूमि खरीद, दान और लीज के रूप में कैसे भूमि विलेख तैयार होगा, इसका पूरा प्रारूप तय किया गया है। अब इसी आधार पर राज्यपाल की ओर से तय अधिकारी और प्राधिकृत अधिकारी अचल संपत्ति का दस्तावेज तैयार कराकर सरकार के पक्ष में रजिस्ट्री कराएंगे।

शासन के पक्ष में तैयार होने वाले विलेखों की संख्या बढ़ी
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव व विभागाध्यक्षों को जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान परिदृष्य में राज्य में विभिन्न परियोजनाओं के लिए राज्य द्वारा विलेखों के माध्यम से भूमि अचल संपत्ति प्राप्त की जा रही है। शासकीय परियोजनाओं के लिए यथा संभव सहमति के आधार पर भूमि सीधे क्रय किया जा रहा है। साथ ही शासन की विभिन्न पहलों से प्रेरित हो कर जनसामान्य के बहुत से निजी पक्षकार भी शासकीय परियोजनाओं व सुविधाओं की स्थापना के लिए शासन के पक्ष में निःशुल्क दान कर रहे हैं। ऐसे में शासन के पक्ष में तैयार होने वाले विलेखों की संख्या बढ़ी है।

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राज्य सरकार के पक्ष में भूमि को प्राप्त करने के लिए की गई सरलीकरण की व्यवस्था
इसके मद्दनेजर मुख्य सचिव ने राज्य सरकार के पक्ष में भूमि को प्राप्त करने के लिए सरलीकरण की व्यवस्था तमाम नियमों और पिछले शासनादेशों के परीक्षण और विधीक्षण करवाने के बाद विलेखों के लिए एक मानक प्रपत्र जारी करने की आश्वयकता बताते हुए पूर्व में 2001 व 2016 में जारी शासनादेशों में बदलाव करते हुए नई व्यवस्था जारी की है। इसके मुताबिक राज्यपाल के पक्ष में निष्पादित होने वाले समस्त हस्तांतरण, दान एवं पट्टा विलेख अब नए प्रारूप पर ही निष्पादित किए जाएंगे।

राज्यपाल की ओर से रजिस्ट्री का मिला अधिकार
मुख्य सचिव ने जारी गॉइडलाइन में निर्देश दिया है कि मानक विलेख की सूचना स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन को भी दे दें, जिससे प्रदेश के निबंधन कार्यालय ऐसे मानक प्रारूप से भिज्ञ हो सके। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि प्रशासनिक विभाग के सचिव, प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव अथवा उनके द्वारा नियमानुसार प्राधिकृत अधिकारी क्रेता / दानग्रहिता के रूप में राज्यपाल की ओर सएवं पद के अधिकार से, विलेख पर हस्ताक्षर करेंगे। प्रशासकीय विभाग द्वारा किसी एक अधिकारी को संबंधित विलेख उपनिबंधक के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए अधिकृत किया जाएगा।


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Content Writer

Ajay kumar

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