UP: अब विवाहित बेटियों को भी मिलेगा पिता की कृषि भूमि में अधिकार, यूपी में संपत्ति कानून में बदलाव
punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 04:32 PM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार बेटी के हक में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। अब विवाहित बेटियों को भी पिता की पैतृक जमीन में बराबरी का अधिकार मिलेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा 108 (2) में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
क्या है वर्तमान व्यवस्था?
मौजूदा नियमों के तहत, किसी भूमिधर पुरुष की मृत्यु होने पर उसकी संपत्ति उसकी विधवा पत्नी, पुत्र और अविवाहित पुत्री के नाम वरासत के रूप में दर्ज होती है। विवाहित बेटियों को केवल अंतिम विकल्प के रूप में उत्तराधिकारी माना जाता है, जब न तो पत्नी, न पुत्र, न अविवाहित पुत्री, न माता-पिता और न ही अन्य नातेदार जीवित हों। इसी व्यवस्था के चलते अधिकांश विवाहित बेटियां अपने वैध हक से वंचित रह जाती हैं।
क्या बदलाव किया जा रहा है?
सूत्रों के अनुसार, अब कानून में ‘विवाहित’ और ‘अविवाहित’ पुत्री के बीच का भेद मिटाने का प्रस्ताव है। इसके तहत जहां-जहां ‘विवाहित’ या ‘अविवाहित’ शब्द पुत्री के पहले जुड़े हैं, उन्हें हटाया जाएगा। इस बदलाव के बाद विवाहित बेटियों को भी संपत्ति में उतना ही अधिकार मिलेगा, जितना बेटों को या अविवाहित बहनों को मिलता रहा है। साथ ही, मृतक भूमिधर के भाई और बहनों की वरीयता सूची में भी विवाह के आधार पर होने वाला भेद समाप्त किया जाएगा।
कब और कैसे लागू होगा यह संशोधन?
संशोधन का प्रस्ताव राजस्व परिषद द्वारा तैयार किया जा चुका है और जल्द ही इसे शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद कैबिनेट और विधानमंडल की मंज़ूरी आवश्यक होगी क्योंकि यह एक्ट में संशोधन का मामला है।
MP और राजस्थान में पहले से कानून
मध्य प्रदेश और राजस्थान में यह अधिकार पहले से ही विवाहित बेटियों को प्राप्त है। इन राज्यों में बेटे और बेटियों के बीच पैतृक कृषि भूमि के उत्तराधिकार में कोई भेदभाव नहीं किया जाता।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
अगर यह संशोधन पारित होता है, तो इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर माना जाएगा। इस फैसले से बेटियों को न केवल आर्थिक अधिकार मिलेंगे, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण में भी बदलाव आएगा।