UP: विकास की नयी गाथा लिखने को तैयार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे,16 नवंबर को PM करेंगे उद्घाटन

punjabkesari.in Thursday, Nov 11, 2021 - 07:59 PM (IST)

लखनऊ: दशकों से बदहाली,गरीबी और अति पिछड़ेपन का दंश झेल चुके पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाशिंदों के लिये अब दिल्ली दूर नहीं रहेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उदघाटन करेंगे जिसके साथ ही यह क्षेत्र विकास की नई उड़ान भरने लगेगा।  बिहार सीमा से सटे गाजीपुर से प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बीच करीब 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रूप में पूरब के लोगों को तरक्की का ‘गेटवे' मिल जाएगा। अब तक दिल्ली पहुंचने में गाजीपुर के लोगों को 20-22 घंटे का समय लगता था जबकि एक्सप्रेस वे के अस्तित्व में आते ही सफर का समय आधे से भी कम हो जायेगा।  

अधिकृत सूत्रों ने दावा किया कि योगी सरकार ने यूपी में रोड कनेक्टिविटी को अर्थव्यवस्था के मजबूत प्लेटफार्म के रूप में तैयार किया है। सीएम के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को भी इसी मंशा से विकसित किया गया है। पूर्व की सरकारों में जिन जिलों में पारंपरिक सड़कें ही चलने लायक नहीं थीं, वहां सिक्स लेन एक्सप्रेसवे की सौगात विकास की नई इबारत लिखने जा रही है। यह एक्सप्रेसवे सिफर् आमजन की आवागमन सुगमता का ही मार्ग नहीं है बल्कि निवेश व औद्योगिक विकास से रोजगार का भी नया द्वार खोलने वाला है।  

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के दायरे में आने वाले जनपदों में कारोबारी गतिविधियों को नया विस्तार तो मिलेगा ही, एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर स्थानीय श्रम शक्ति को सेवायोजित भी करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के समीप पांच इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की तरफ से नौ हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि चिन्हित भी कर ली गई है। चूंकि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के दायरे में आने वाले अधिकांश जिले कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले हैं, इसलिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर में पहली प्राथमिकता फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स पर है। इसके अलावा टेक्सटाइल, रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पाद, बेवरेज, केमिकल, मेडिकल उपकरणों से जुड़ी फैक्ट्रियां भी स्थापित होंगी। इन फैक्ट्रियों में स्थानीय श्रम शक्ति को रोजगार मिल सके, इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और बलिया लिंक एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। दो लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार तीव्रतम की जाएगी। इससे गोरखपुर, संतकबीर नगर, बलिया समेत करीब आधा दर्जन अतिरिक्त जिले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएंगे।   सूत्रों के अनुसार एक्सप्रेस वे को इतना मजबूत बनाया गया है कि आपातकालीन आवश्यकता पर वायुसेना अपने लड़ाकू विमान की इस पर लैंडिंग भी कर सकती है। एक्सप्रेसवे पर सुल्तानपुर में बकायदे 3.2 किमी लंबी सड़क को वायुसेना की हवाई पट्टी के रूप में ही विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा सुल्तानपुर में एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किए जाने से पूर्व वायुसेना यहां लड़ाकू विमान की ट्रायल लैंडिंग कर सकती है।  एक्सप्रेसवे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 जुलाई 2018 को किया था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 731 के लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर स्थित लखनऊ का चांदसराय गांव से शुरू होकर एक्सप्रेस वे बिहार सीमा से 18 किमी पहले एनएच 19 पर गाजीपुर के हैदरिया गांव में खत्म होगा। एक्सप्रेस वे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर जिलों को कवर करेगा।
 


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Content Writer

Ramkesh

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