UP: स्कूल में चोरी की तफ्तीश के लिए पहुंचे दारोगा जी बने अध्यापक, बच्चों को देख पढ़ाने लगे गणित...खूब हो रही प्रशंसा

punjabkesari.in Wednesday, Sep 21, 2022 - 02:04 PM (IST)

कुशीनगर: कप्तानगंज थाना क्षेत्र के सेमरा गांव स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में कुछ दिनों पहले चोरी हो गई थी। जिसकी तहरीर प्रधानाध्यापक ने कप्तानगंज थाने में देकर मुकदमा पंजीकृत कराया। मामले की विवेचना थाने में तैनात अतुल कुमार को मिली। तफ्तीश में स्कूल पहुंचे दरोगा बच्चों को पढ़ता देख खुद को रोक नहीं पाए और दरोगा से मास्टर बन गए। बच्चों को गणित का सवाल हल करना समझाया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग इनकी प्रशंसा कर रहे हैं। मास्टर के रूप में दरोगा को देख बच्चे भी काफी उत्साहित हुए।

जाते-जाते बच्चों से दोबारा पढ़ाने आने का वादा कर गए दरोगा
बता दें कि कप्तानगंज थाने के एंटी रोमियो प्रभारी दरोगा अतुल कुमार का उच्च प्राथमिक विद्यालय सेमरा में बच्चों को गणित का पाठ पढ़ाते वीडियो वायरल हो रहा है। जानकारी के मुताबिक उक्त विद्यालय में सोमवार को चोरी हुई थी जिसमें प्रधानाध्यापक की तहरीर पर कप्तानगंज थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया। मंगलवार को मामले की तफ्तीश करने दरोगा अतुल कुमार विद्यालय पहुंचे और जहां बच्चों को पढ़ता देखा। दरोगा बनने से पहले शिक्षक का दायित्व निभा चुके अतुल कुमार खुद को रोक नहीं पाए। दरोगा की वर्दी में ही हाथ में चॉक लिए ब्लैक बोर्ड पर बच्चों को गणित के सवालों को हल करना बताने लगे। लगभग 1 घंटे की क्लास के बाद दरोगा जाते-जाते बच्चों से दोबारा पढ़ाने आने का वादा भी किया।

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दारोगा ने बच्चों को सिखाया गणित
उच्च प्राथमिक विद्यालय के कक्षा 6 में पढ़ने वाली नेहा प्रजापति ने बताया दरोगा जी जब आए तब उन्हें देखने में डर लगा। लेकिन जब वह पढ़ाने लगे तो लगा की दरोगा नहीं बल्कि एक अध्यापक हैं उन्होंने हमें जोड़, घटाना, गुणा, भाग करना सिखाया जो बेहतर रूप से हमने समझ लिया। छात्र सुशांत कुमार ने बताया आज तक हम लोग पुलिस वालों को देखकर डरते थे और जैसे ही दरोगा जी स्कूल में आए हमें डर लगने लगा। पर उन्होंने कहा हम से डरो मत हम तुम लोगों को पढ़ाने आए हैं। फिर वह गणित के सवालों को समझाया जो बहुत अच्छे से हमें समझ आया।

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बच्चों को पड़ता देख खुद को रोक नहीं पाए दारोगा जी
माध्यमिक विद्यालय सेमरा के प्रधानाचार्य जन्मेजय पांडे ने बताया कि दरोगा जी चोरी की तफ्तीश करने आए थे पर बच्चों को पड़ता देख खुद को नहीं रोक पाए। उनके स्कूल में पढ़ाने से यह उन शिक्षकों के लिए संदेश जरूर है जो विद्यालय नहीं आया करते हैं। दरोगा होते हुए शिक्षक का दायित्व निभाने वाले दरोगा वाकई अन्य विभागों के लोगों का शिक्षा जगत की तरफ झुकाव को दिखाता है।

प्राइवेट जॉब से लेकर सरकारी नौकरी तक का सफर
दरोगा अतुल कुमार से जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि वे आजमगढ़ जिले के मध्यम परिवार से रहने वाले हैं। शुरुआत में वह बीटेक की पढ़ाई कर नोएडा में प्राइवेट कंपनी की आईटी डिपार्टमेंट में काम किया। फिर 2014 की दरोगा भर्ती में अपनी उस नौकरी को छोड़ चले आए। लेकिन चुकी भर्ती हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के बाद हमारा काफी समय लग गया। उसी बीच अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए हमने एक प्राइवेट सीबीएसई बोर्ड स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। कुछ ही दिनों बाद 69000 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हमारे डिस्ट्रिक्ट में ही शिक्षक के पद पर नियुक्ति हो गये। जहां पर रहकर हमने बच्चों के बीच काफी समय गुजारा है। गणित विषय से हमारा लगाव कुछ ज्यादा है।

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शिक्षक द्वारा पढ़ाए जाते देख खुद को रोक ना पाया: दारोगा
उन्होंने बताया कि 2019 में जब दरोगा की भर्ती हुई और ट्रेनिंग में चली। जिसके बाद जनवरी 2022 में कुशीनगर जिले में मेरी पहली पोस्टिंग हुई। लगभग 1 हफ्ते लाइन में रहने के बाद मुझे कप्तानगंज तैनात किया गया। चोरी के मामले में तफ्तीश करने जब मैं बच्चों के बीच पहुंचा, गणित के सवालों को शिक्षक द्वारा पढ़ाए जाते देख खुद को रोक ना पाया। पहले बच्चे हमें देख हैरान हो गए पर थोड़ी देर बाद ही स्थिति सामान्य हो गई। बच्चों ने हमसे सवाल पूछना शुरू किया। सवाल जवाबों के दौर में कब एक घंटा बीत गया पता ही नहीं चला।


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Content Writer

Mamta Yadav

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