UP Weather Update: यूपी में अगले तीन दिन तक भारी बारिश के आसार, IMD ने दी बाढ़ की चेतावनी
punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2024 - 01:11 PM (IST)
UP Weather Update: मध्य भारत में उत्पन्न दबाव क्षेत्र के कारण अगले दो से तीन दिन तक उत्तर प्रदेश में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है। विभाग के मुताबिक, यह दबाव क्षेत्र ग्वालियर के पास शहर से लगभग 50 किलोमीटर उत्तर में और आगरा से 60 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित है। अगले 24 घंटे में इसके उत्तर-उत्तर पूर्वी दिशा की ओर बढ़ने की संभावना है। इसकी वजह से पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। IMD ने इसके लिए चेतावनी भी जारी की है।
इन जिलों में अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने मथुरा और आगरा को ‘रेड अलर्ट' के तहत रखा है, जिसके तहत संभावित प्राकृतिक आपदाओं के लिए उच्चतम स्तर की तैयारियां करने के लिए कहा जाता है। इसके अलावा, राज्य के एक दर्जन से अधिक अन्य जिलों के लिए ‘ऑरेंज' अलर्ट जारी किया गया है। मथुरा और आगरा के लिए रेड अलर्ट बुधवार सुबह से बृहस्पतिवार सुबह तक वैध है। इसके अलावा, फर्रुखाबाद, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली और शाहजहांपुर को भी बृहस्पतिवार और शुक्रवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा 52 जिलों में गरज-चमक का अलर्ट है। विभाग के मुताबिक, बारिश का सिलसिला अगले तीन दिन तक जारी रहेगा।
विभाग ने बाढ़ आने को लेकर दी चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार 64.5 मिलीमीटर से 115.5 मिलीमीटर (मिमी) के बीच वर्षा को ‘भारी बारिश' माना जाता है जबकि 115.6 मिमी से 204.4 मिमी के बीच बारिश को ‘‘बहुत भारी'' तथा 204.5 मिमी से अधिक वर्षा को ‘‘अत्यंत भारी'' बारिश माना जाता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अचानक बाढ़ आने को लेकर मध्यम से भारी खतरे की चेतावनी दी है। आईएमडी ने कहा कि वर्षा के कारण निचले और पूरी तरह से जलमग्न क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है। भारी वर्षा के कारण स्थानीय स्तर पर सड़कें जलमग्न हो सकती हैं, निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है और विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में अंडरपास बंद हो सकते हैं। आईएमडी ने कहा कि सड़कों पर पानी भर जाने के कारण यातायात बाधित होने की संभावना है और कुछ इलाकों में दृश्यता कम हो सकती है। कच्ची सड़कों और कमजोर संरचनाओं को मामूली नुकसान होने की संभावना है, साथ ही बारिश और हवा के कारण भूस्खलन और फसलों को नुकसान होने की भी आशंका है।