Keshav Prasad Maurya: उप मुख्यमंत्री बोले- OBC को आरक्षण सुनिश्चित किए बगैर नगरीय निकाय चुनाव नहीं होंगे

punjabkesari.in Wednesday, Dec 28, 2022 - 10:52 PM (IST)

प्रयागराज, Keshav Prasad Maurya: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने बुधवार को यहां कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने यह फैसला लिया है कि जब तक अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं कर ली जाती, तब तक नगरीय निकाय के चुनाव नहीं होंगे।

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HC के फैसले से यूपी सरकार सहमत नहीं
बता दें कि बुधवार को प्रयागराज में संवाददाताओं से बातचीत में उप मुख्यमंत्री ने कहा, “माननीय उच्च न्यायालय (High Court) के आदेश का हम सम्मान करते हैं। लेकिन इस आदेश से हम सहमत नहीं हैं। इसलिए हम इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में अपील करने जा रहे हैं।” मौर्य ने कहा, “अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण सुनिश्चित किए बगैर उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) नहीं होंगे और ओबीसी का आरक्षण सुनिश्चित करने के बाद ही यह चुनाव होंगे। यही सरकार का फैसला है।”
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अखिलेश पर हमलावर हुए केशव मौर्य  
आरक्षण के मुद्दे पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो पिछड़ों का हित केवल सैफई के परिवार में देखते हैं, उन्हें पिछड़ों की बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है। इसबीच बुधवार शाम को उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मद्देनजर पांच सदस्यीय एक विशेष ओबीसी आयोग का गठन किया है।

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निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को किया समाप्त
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार की नगर निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के नगर निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) कराने का आदेश दिया था। इसके साथ ही पीठ ने राज्य सरकार ( Uttar Pradesh Government) एवं राज्य चुनाव आयोग (State election commission) को आदेश दिया कि पिछड़ा वर्ग की सीटों को सामान्य करते हुए स्थानीय निकाय चुनाव को 31 जनवरी 2023 तक संपन्न करा लिया जाए। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने यह आदेश दिया था। इस फैसले से राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया था। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा कि संविधान के अनुसार ओबीसी को रिजर्वेशन दिया जाएगा। इसके लिए कानूनी विचार किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो सरकार सुप्रीम कोर्ट का भी रूख करेगी।


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Content Writer

Mamta Yadav

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