वाराणसी के जानलेवा प्रदूषण का फौरी इलाज जरूरी : रिपोर्ट

punjabkesari.in Monday, May 20, 2019 - 05:00 PM (IST)

लखनऊ: दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की पड़ताल करती एक रिपोर्ट के मुताबिक बनारस की हवा दिन-ब-दिन जहरीली होती जा रही है और इससे आपात स्थिति की तरह निपटने की जरूरत है। देश के सबसे बड़े प्रदूषण कथा मंच 'लेट मी ब्रीद' की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी में पिछले दो साल के दौरान एकत्र किए गए पीएम 2.5 और पीएम10 के आंकड़े यह बताते हैं कि वायु की गुणवत्ता में कुल मिलाकर कोई निरन्तर सुधार नहीं हुआ है। बल्कि यहां की हवा अब भी ‘खराब' और ‘बहुत खराब' की श्रेणी में बनी हुई है।

लेट मी ब्रीद के संस्थापक तमसील हुसैन ने बताया कि वाराणसी धरती पर सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से एक है। पिछले कुछ वर्षों से यह आध्यात्मिक शहर दिन-ब-दिन बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के वर्ष 2018 के आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है। हुसैन ने बताया कि ग्लोबल स्ट्रैटेजिक कम्यूनिकेशन काउंसिल ने 2016 में ''इंडियास्पेंड'' के साथ वाराणसी की वायु प्रदूषण पर अपनी तरह की पहली रिपोर्ट -'वाराणसी चोक' जारी की थी, जिसमें प्रदूषण के स्तर के साथ-साथ स्थानीय लोगों और चिकित्सा विशेषज्ञों से इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर की चर्चा की गई है।

इस रिपोर्ट के बाद, हमने आरटीआई दाखिल करके पूछा कि समस्या का समाधान करने के लिए 2016 के बाद से क्या किया है। इस पड़ताल को "लेट मी ब्रीद" की ओर से जारी किया गया है। हुसैन ने बताया कि प्राप्त आरटीआई जवाबों से पता चलता है कि वाराणसी में व्यक्तिगत और संस्थागत स्तर पर वायु प्रदूषण सम्बन्धी नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के मामले में वर्ष 2016 से लेकर अब तक स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि वाराणसी की हवा की गुणवत्ता ठीक करने के लिए उठाये गए कदमों के बारे में आरटीआई अर्जियों के जरिए आरटीओ विभाग, यातायात पुलिस, नगर निगम, वाराणसी विकास प्राधिकरण, वन विभाग, कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खनन अधिकारी और जिला पंचायत से जवाब मांगे गये थे। रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी नगर निगम ने सड़कों से उठने वाली धूल और सड़क के किनारे कचरा जलाये जाने को रोकने के लिये कुछ कदम उठाये हैं।


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Ruby

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