लखीमपुर खीरी हिंसा: आशीष मिश्रा के सरेंडर करने पर पीड़ित परिवार ने जताई खुशी, कल होगी सुनवाई

punjabkesari.in Monday, Apr 25, 2022 - 02:03 PM (IST)

बहराइच: उच्चतम न्यायालय द्वारा लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र "टेनी" के पुत्र आशीष मिश्रा की जमानत रद्द किए जाने और उसके बाद आशीष के आत्मसमर्पण करने पर हिंसा में मारे गये किसान के परिजन ने खुशी जताई है। 

उच्चतम न्यायालय से जमानत रद्द होने के बाद आशीष मिश्रा ने रविवार को लखीमपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंताराम की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। हिंसा में मारे गये बहराइच के मोहरनिया निवासी किसान गुरविंदर सिंह "ज्ञानी जी" के पिता सुखविंदर सिंह ने सोमवार को से कहा, "अदालत का आदेश सुनकर लगा कि देश में कानून का राज है, अराजक तत्वों का नहीं। उच्चतम न्यायालय से जमानत निरस्त होने से हमारा ईश्वर और न्यायपालिका के प्रति विश्वास बढ़ा है।" सुखविंदर के बड़े भाई सुखदेव सिंह ने कहा, "मुख्य आरोपी होने के बावजूद मंत्री पुत्र का रिहा होकर घूमना किसानों के मुंह पर थप्पड़ सरीखा था। अदालत के इस फैसले हम सभी खुश हैं।"

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत 18 अप्रैल को रद्द कर दी थी और उसे एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा था। न्यायालय ने कहा कि पीड़ितों को जांच से लेकर आपराधिक मुकदमे की समाप्ति तक कार्यवाही में हिस्सा लेने का ‘निर्बाध' अधिकार है। पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में चार किसान और एक पत्रकार सहित कुल आठ लोग मारे गए थे। यह हिंसा तब हुई थी जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे। 

उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक वाहन जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे, उसने चार किसानों को कुचल दिया था। घटना के बाद गुस्साए किसानों ने वाहन चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था। इस दौरान हुई हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी। केंद्र के अब निरस्त किए जा चुके कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे विपक्षी दलों और किसान समूहों में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश था। 


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Imran

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