...जब बिहार से 125 किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचे मेहनतकश

punjabkesari.in Saturday, Mar 28, 2020 - 10:31 AM (IST)

बलियाः रोजी-रोटी के लिये दूसरे राज्यों में काम करने वाले लोगों के लिये कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लागू लॉकडाउन कड़ी परीक्षा साबित हुआ। बलिया के रहने वाले कई लोग बिहार के हाजीपुर से लगभग 125 किलोमीटर का पैदल सफर करके अपने गांव पहुंचे हैं। बलिया जिले के रेवती इलाके के रहने वाले अमरजीत पाल बेहद कड़ी मशक्कत के बाद गुरुवार को असम से अपने घर पहुंचे। उन्होंने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि वह असम में पिछले काफी समय से रहकर काम करते हैं। कोरोना महामारी के कारण अचानक लॉकडाउन घोषित होने पर उन्हें वापसी का वक्त ही नहीं मिला।

जैसे-तैसे उन्होंने गुवाहाटी से घर आने के लिये समर क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन ली और बिहार के हाजीपुर पहुंचे। उन्होंने बताया कि तब तक लॉकडाउन पूरी तरह प्रभावी हो चुका था और हाजीपुर से उन्हें घर आने के लिए कोई साधन नहीं मिला तो वह हाजीपुर से तकरीबन 125 किलोमीटर का सफर पैदल ही तयकर अपने गांव पहुंचे हैं। अमरजीत के साथ असम में काम करने वाले बी. के. पासवान, राजू, देवनाथ, अखिलेश और अजीत भी असम से कल ही अपने गांव पहुंचे। बलिया के धर्म पुरा गांव के रहने वाले 90 वर्षीय इंद्रदेव की भी ऐसी ही कहानी है। बिहार के ब्रम्हपुर में शिव मंदिर में पिछले कई दशक से रह रहे इंद्रदेव को भी लॉकडाउन के कारण घर लौटना पड़ा।

इंद्रदेव ने बताया कि वह बिहार से तकरीबन 55 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर कल अपने गांव पहुँचे। उभांव थाना क्षेत्र के पिपरौली बड़ागांव ग्राम के निवासी भोला कतर के दोहा से दो दिन पहले अपने गांव पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि वायुयान से मुंबई पहुंचे तथा मुम्बई से रोडवेज बस से गोरखपुर आये, लेकिन गोरखपुर से अपने गांव तक का तकरीबन 101 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ा। 
 


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Tamanna Bhardwaj

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